ट्रेनों में सीट तो दूर, फर्श पर बैठने को नहीं मिल रही जगह
होली त्योहार के बाद दिल्ली और मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों के यात्रियों की फजीहत है। ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट लगातार बढ़ रही है। इससे ट्रेनों में भीड़ अधिक हो रही है।
प्रयागराज : दिल्ली-मुंबई जाने वाले लोगों का बुरा हाल है। हर ट्रेनें नो-रूम चल रही हैं। स्थिति यह है कि सीट मिलना तो दूर लोगों को फर्श में बैठने को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। प्रयागराज एक्सप्रेस के स्लीपर श्रेणी में वेटिंग लिस्ट छह सौ से अधिक पहुंच चुकी है। जबकि शिवगंगा की वेटिंग लिस्ट लगातार बढ़ रही है। महानगरी, मुंबई दूरंतो जैसी ट्रेनें भी नो-रूम चल रही हैं। इसके चलते होली बीतने के बाद दिल्ली-मुंबई जाने वाली ट्रेनों में पांव रखने तक की जगह नही है। इसके चलते महिलाओं व बच्चों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है।
स्लीपर बोगी में भी भीड़
भीड़ अधिक होने के चलते स्वतंत्रता सेनानी, मडुआडीह एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, पवन एक्सप्रेस, दानापुर सिकंदरा एक्सप्रेस, प्रयागराज एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, दिल्ली दूरंतो, महानगरी एक्सप्रेस, मुंबई दूरंतो, कामायनी, मुरी, संगम एक्सप्रेस, रीवा एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल सहित हर ट्रेन यात्रियों से खचाखच भरी जा रही है। इन ट्रेनों के सामान्य श्रेणी के कोच में शौचालय तक यात्री बैठकर सफर करने को मजबूर हैं। जबकि स्लीपर बोगी में पांव रखने की जगह नहीं बच रही है। ट्रेन की हर बोगी की फर्श पर बैठकर लोगों ने सफर किया। रेल प्रशासन ने होली के मद्देनजर जो विशेष ट्रेनें चलाई हैं वह नाकाफी साबित हो रही हैं।
जंक्शन पर घट सकता है शिवगंगा-मडुआडीह का स्टापेज
वाराणसी से चलने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस व मडुआडीह एक्सप्रेस का इलाहाबाद जंक्शन पर ठहराव आने वाले दिनों में कम हो सकता है। इसका कारण इन ट्रेनों में इलेक्ट्रिक इंजन लगना है। पहले इलाहाबाद जंक्शन पर इन ट्रेनों में दिल्ली से आने पर डीजल इंजन व वाराणसी से आने पर इलेक्ट्रिक इंजन लगाया जाता था। इसके लिए ट्रेन का दस मिनट का ठहराव जंक्शन पर होता है। अब ट्रेनों में पूरे रास्ते इलेक्ट्रिक इंजन होने के कारण ठहराव पांच मिनट किया जा सकता है।
इलाहाबाद सिटी होकर जाती है शिवगंगा व मडुआडीह एक्सप्रेस
शिवगंगा व मडुआडीह एक्सप्रेस इलाहाबाद जंक्शन से इलाहाबाद सिटी-दारागंज-झूंसी-ज्ञानपुर होते हुए वाराणसी आती-जाती हैं। पहले इस रूट पर विद्युतीकरण का काम नहीं हुआ था, जिसके चलते वाराणसी से इलाहाबाद जंक्शन तक डीजल इंजन लगकर आता था। जबकि इलाहाबाद जंक्शन से वाराणसी की ओर जाने पर डीजल इंजन लगता था। कुछ समय पहले इस रूट पर विद्युतिकरण का काम पूरा हो गया है। इसके चलते दोनों ट्रेनों में इलेक्ट्रिक इंजन लगाने का निर्णय हुआ है। इससे ट्रेन की रफ्तार बढ़ेगी साथ ही यात्रियों को सहूलियत मिलेगी।