धूमनगंज में बेकाबू बस ने स्कूटी सवार महिला को कुचला Prayagraj News
हिट एंड रन का एक केस धूमनगंज के कालिंदीपुरम में हुआ। बेकाबू बस की टक्कर से स्कूटी सवार महिला की मौत हो गई। वाहन लेकर भाग रहे चालक को पुलिस ने घेरकर पकड़ा।
प्रयागराज, जेएनएन। धूमनगंज थाना क्षेत्र स्थित कालिंदीपुरम कॉलोनी में मंगलवार को तेज रफ्तार कॉलेज बस ने आतंक फैला दिया। दो गाडिय़ों को टक्कर मारकर भाग रही बेकाबू बस ने स्कूटी सवार महिला को कुचल दिया। मौके पर ही सिर में गहरी चोट से रचना गुर्टू (38) की मौत हो गई। सूचना प्रसारित होने पर धूमनगंज पुलिस ने भाग रही बस को रोककर ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया।
स्कूटी से रचना गुर्टू खरीदारी को गई थीं, कालिंदीपुर में हुआ हादसा
कश्मीरी मूल के अतुल गुर्टू केपी डिग्री कॉलेज में बीएड सेक्शन के शिक्षक हैैं। उन्होंने करीब 14 साल पहले कालिंदीपुरम कॉलोनी के मौसम विहार में मकान बनाया था। परिवार में पत्नी रचना के अलावा नौ साल की बेटी अनन्या और सात साल का बेटा अनंत हैैं। वे झलवा स्थित केंद्रीय स्कूल में कक्षा तीन और एक में पढ़ते हैैं। रचना स्कूटी पर घर से मार्केट के लिए निकलीं तभी पीछे से यूनाइटेड कॉलेज की बस ने जोरदार टक्कर मार दी। स्कूटी से सड़क पर गिरने से रचना के सिर के पीछे गहरी चोट पहुंची। पड़ोसी उन्हें उठाकर एक निजी हॉस्पिटल ले गए। वहां से एसआरएन ट्रामा सेंटर भेजा गया जहां कुछ देर इलाज के बाद उनकी सांस थम गई।
पुलिस ने बस को घेरकर रोका और ड्राइवर को दबोच लिया
पति अतुल भी कॉलेज से अस्पताल पहुंच गए। उधर, लोगों ने डॉयल 112 पर हिट एंड रन की सूचना दी तो पुलिस ने झलवा के पास बस को घेरकर रोका और ड्राइवर को दबोच लिया। पता चला कि इस बस ने एक बाइक समेत दो गाडिय़ों में टक्कर मारने के बाद रचना को चपेट में लिया था।
बच्चे पूछते रहे, पापा... कब आएंगी मम्मी
रचना की मौत से बच्चों के सिर से मां का साया छिन गया। पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद अतुल को बार-बार फोन कर बच्चे पूछ रहे थे, पापा कितनी देर हो गई, मम्मी कब आएंगी घर। फोन भी बंद हैैं उनका। अतुल आंसू पोंछते हुए रुंधे गले से बस इतना बोलते, आ जाएंगी बेटा मम्मी...।
रचना कश्मीरी समाज में चर्चित थीं
रचना गुर्टूू की आकस्मिक मौत से कश्मीरी समाज में शोक व्याप्त हो गया। केपी कॉलेज के शिक्षकों समेत कश्मीरी समाज प्रयागराज की अध्यक्ष अनुराधा आगा भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गईं। उन्होंने बताया कि रचना कश्मीरी समाज के फेसबुक पेज के साथ ही वार्षिक पुस्तिका चिनारिका का भी संपादन करती थीं। वह बहुत प्रतिभाशाली और मिलनसार थीं। उनका जाना समाज के लिए भारी क्षति है।