शिक्षा की ज्योति जला रहा 'सोशल क्लब'
जासं, इलाहाबाद : मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चे या ऐसे गरीब परिवार के बच्चे जिनके मां-बाप चाह
जासं, इलाहाबाद : मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चे या ऐसे गरीब परिवार के बच्चे जिनके मां-बाप चाहकर भी उन्हें पढ़ा नहीं पा रहे, उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी उठा रहा है सोशल क्लब। क्लब में विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ तमाम अन्य स्कूलों के स्टूडेंट शामिल हैं। जो न सिर्फ गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं बल्कि उनके लिए संसाधन जुटाने का काम भी करते हैं।
दो साल पहले झूंसी के हवेलिया के रहने वाले रमन ने इस क्लब की शुरुआत की थी। उस समय वह कक्षा 10 में पढ़ते थे। उनकी मानें तो झूंसी से इलाहाबाद स्कूल आते समय रोज उनकी नजर अलोपीबाग व दारागंज जैसी मलिन बस्तियों पर पड़ती थी जहां के बच्चे दिनभर खेल में अपना समय जाया करते थे। छोटे छोटे बच्चे भी कूड़ा उठाने का काम करते थे। यह देख रमन ने उन बच्चों के लिए कुछ करने की ठानी। ज्यादा कर नहीं सकते थे सो उन्हें पढ़ाने का बीड़ा ही उठा लिया। जब भी मौका मिलता, पहुंच जाते बस्ती में और बच्चों को एकत्र कर उन्हें पढ़ाने लगते थे। उनकी देखादेखी अन्य छात्र भी उनकी मदद को पहुंचने लगे। देखते ही देखते रमन का सोशल क्लब बन गया। रमन की टीम न सिर्फ बच्चों को पढ़ाती है बल्कि उन्हें आर्ट, ड्रामा आदि सिखाती है। इतना ही नहीं मोमबत्ती व कपूर आदि बनाने का प्रशिक्षण भी देती है, जिससे बच्चे आगे चलकर बेकार न बैठें। मंशा है कि उनके हाथ में एक हुनर रहे जो उनकी रोजी रोटी का सहारा बन सके। वर्तमान समय में रमन 12वीं के छात्र हैं, पर उनकी टीम में एमए, बीए तक के छात्र शामिल हैं। पिता रमाकांत सिंह भी रमन की आर्थिक मदद करते हैं। उनकी टीम में मेंहदौरी कालोनी के रोहित राय, अल्लापुर के सचिन उपाध्याय, छोटा बघाड़ा के धीरज मौर्या, मधुकर, सुनीता, सौरभ, सचिन, जावेद, सहदेव, सचिन सिंह, सौरभ सिंह, शिवम तिवारी आदि शामिल हैं।
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100 बच्चों की लगती है क्लास
इलाहाबाद : सोशल क्लब दारागंज, अल्लापुर व आसपास की मलिन बस्तियों के करीब सौ बच्चों को पढ़ाई के साथ ही हुनर की बारीकियां सिखा रहा है। दारागंज मलिन बस्तियों में रहने वाले 10 बच्चों का नाम राधारमण स्कूल में कराया गया है। खास बात यह रही कि क्लब के माध्यम से ऐसे बच्चों की जिंदगी भी सुधर रही है जो अभी तक भीख मांगते आ रहे थे।
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कापी-किताब व ड्रेस का करते हैं जुगाड़
इलाहाबाद : सोशल क्लब मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उनके लिए पेन पेंसिल, कांपी व ड्रेस आदि का जुगाड़ खुद करता है। टीम में शामिल सभी छात्र अपनी पाकेट मनी से कुछ बचाते हैं और कुछ उनके अभिभावक मदद करते हैं। इस तरह बच्चों की पढ़ाई चलती रहती है।