Kumbh mela 2019 : संगम तीरे अनुराधा पौडवाल ने बहाई भक्ति रस की गंगा
पार्श्वगायिका अनुराधा पोडवाल ने संगम तीर पर भक्ति गीतों की अनूठी प्रस्तुति की। गीतों में देर रात तक भक्तों ने गोते लगाए।
कुंभनगरी : पावन कुंभ भूमि हो तो रोम-रोम में राम होना लाजिमी है। यूं ही इस पुण्य भूमि पर चलते भक्ति भाव में मन आह्लादित है। फिर सामने माइक लिए मंच पर प्रख्यात भजन गायिका अनुराधा पौडवाल हों तो वहां उठने वाली श्रद्धा की लहरों का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' यहां न सिर्फ भजन के बोल बनकर रह गए, बल्कि श्रद्धालु श्रोताओं के आनंदित चेहरे बता रहे थे कि जैसे वह रतन ही पा चुके हैं।
कुंभ मेले की आस्था में डूबी शाम
कुंभ मेले की आस्था में डूबी शाम के पोर-पोर भक्ति रस में सराबोर करने के लिए गुरुवार को प्रसिद्ध भजन गायिका अनुराधा पौडवाल कुंभनगरी आईं। अभी कार्यक्रम शुरू होने में वक्त था, लेकिन भजन कुंभ का इतना आकर्षण था कि निर्धारित समय से पहले ही श्रोताओं की भीड़ रात तक लगी रही।
सर्द रात में अमृत सरीखा भजन
खैर, गंगा मंच पर पीली साड़ी पहने अनुराधा पहुंचीं तो वहां श्रद्धा और रोमांच का माहौल बनना शुरू हो गया। अब इंतजार यह देखने का था कि सर्द रात में इस भजन गंगा में श्रोता कितना गहरा उतरते हैं और कब तक ठहरते हैं। बहरहाल, संगतकारों की उंगलियों ने हारमोनियम, पैड, ढोलक और तबले पर नाचना शुरू किया कि इसके साथ ही चिर-परिचित मधुर आवाज में 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो...' से पंडाल गूंज उठा। इसके बाद बारी-बारी से 'ठुमक चलत रामचंद्र...' 'श्री राम चन्द्र कृपालु भजमन...' 'गंगा मैया में जब तक पानी रहे...' 'श्री बांके बिहारी लाल...' जैसे भजन सुनाए तो कार्यक्रम स्थल किसी मंदिर की शक्ल ले चुका था, जिसमें भक्ति भाव में श्रोता झूमते जा रहे थे। माहौल बनाने को अनुराधा पौडवाल बीच-बीच में कहती रहीं की आप चाहते हैं कि राम मंदिर जल्दी बने तो मेरे साथ में गाइये।