पुलिस-बदमाशों में मुठभेड़, शूटर को गोली लगी
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : धूमनगंज के देवघाट झलवा इलाके में मंगलवार रात पुलिस और बदमाशो
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : धूमनगंज के देवघाट झलवा इलाके में मंगलवार रात पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़ हो गई। पांच हजार रुपये इनामी छोटू ओझा को साथ लेकर दबिश देने पहुंची पुलिस पर ताबड़तोड़ फाय¨रग होने लगी। छोटू भी हथकड़ी समेत पुलिस की गाड़ी से कूदकर भागने लगा। वह साथियों की बाइक पर बैठा ही था तभी एक गोली उसके पैर में लगी और वह गिर गया। छोटू के दो साथी गोली चलाते हुए निकल भागे। मुठभेड़ से इलाके में सनसनी फैल गई। बाद में पुलिस ने क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया। जख्मी ओझा को एसआरएन अस्पताल में भर्ती किया गया है।
धूमनगंज थाना क्षेत्र में कन्हईपुर निवासी शूटर छोटू ओझा को उठाकर पुलिस पूछताछ कर रही थी। उसने जानकारी दी थी कि उसके दो साथी देवघाट इलाके के एक कमरे में रुके हैं। करीब साढ़े सात बजे इंस्पेक्टर धूमनगंज अरुण कुमार त्यागी छोटू ओझा को लेकर दबिश देने निकले। पुलिस की गाड़ी जैसे ही देवघाट मोड़ पर पहुंची, अंधेरे में फाय¨रग होने लगी। इससे पुलिस की गाड़ी के शीशे टूट गए। पुलिस वालों ने भी जवाबी फाय¨रग शुरू कर दी। जानकारी पाकर सीओ सिविल लाइंस श्रीश चंद्र भी पहुंच गए। फाय¨रग के दौरान ओझा ने एक सिपाही को धक्का दिया और अपने साथियों की तरफ भागने लगा। ओझा को हथकड़ी लगी थी, वह बाइक पर बैठने लगा तभी पुलिस वालों की तरफ से चलाई गई गोली उसके पैर में लगी। वह गिर गया तो साथी निकल भागे। ओझा को फिर पुलिस ने दबोच लिया। इतना होने तक आइजी एसएन साबत, आइजी रमित शर्मा और एसएसपी आनंद कुलकर्णी घटनास्थल पर पहुंचने लगे। तब तक हमलावर निकल चुके थे। पुलिस अधिकारियों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कराकर तलाशी अभियान चलाया। आधी रात तक तलाश हुई, लेकिन कोई नहीं मिला। इंस्पेक्टर धूमनगंज के मुताबिक, देवघाट में पुष्पराज गैंग के शूटर प्रमोद उर्फ पीके और आशु छिपे थे। वह पुलिस पर फाय¨रग कर ओझा को छुड़ाने की कोशिश में जुट गए। दोनों अंबेडकर नगर के रहने वाले हैं। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
बंसल हत्याकांड में थी तलाश
डा. एके बंसल हत्याकांड में वर्कआउट के लिए जुटी एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और पुलिस को शूटर छोटू ओझा की भी तलाश थी। राजा पांडेय के बयान के बाद पुलिस ने छोटू की तलाश में दबिश दी थी। क्राइम ब्रांच पर आरोप लगे थे कि उसने छोटू को पकड़ने के बाद छोड़ दिया। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी थी। अब छोटू के पकड़े जाने पर एक बार फिर डा. बंसल हत्याकांड में कुछ सुराग मिलने की उम्मीद जगी है।