ब्लू एलइडी की खोज से सौर ऊर्जा का संरक्षण संभव
इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में आयोजित तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी
इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में आयोजित तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी बुधवार को संपन्न हो गई। कार्यक्रम में भौतिक विज्ञान के विभिन्न आयाम पर विमर्श हुआ । साथ ही सौर ऊर्जा, मेटेरियल, नैनो पार्टिकल, आयन इंप्लांट और आधुनिक उपकरणों पर चर्चा की गई।
प्रथम सत्र में आइटी बीएचयू के प्रो. धनंजय पांडेय ने फेरोइक और मल्टीफेरोइक मेटेरियल के बारे में जानकारी दी। जवाहर लाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च संस्थान के डा. एसएच शिवप्रसाद ने नैनोवाल नेटवर्किंग की बहुकार्यशीलता के संचार, सौर ऊर्जा का संचयन एवं सॉलिड स्टेट लाइटिंग उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने सौरऊर्जा के संरक्षण दिशा में चल रहे कार्यो के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। ब्लू एलइडी लाइट की खोज और इसके जुड़े संयंत्रों के प्रयोग के महत्वपूर्ण पहलू उजागर किए। दूसरे सत्र में लखनऊ विवि के डा. सीआर गौतम ने दांत व हड्डियों के प्रयोग में हाइड्राक्सी एपाटाइड मेटेरियल की महत्ता रेखांकित की। कहा कि दांत के इनेमिल की मरम्मत के लिए प्रयोग जल्द ही कारगर होगा। इसके माध्यम से टूटे हुए दांतों को जोड़ना आसान हो जाएगा। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के डा. बीपी सिंह ने आयरन नैनो पार्टिकल और इलेक्ट्रो केमिकल सेंसिग उपयोग के बारे में बताया। विक्रम विवि उज्जैन के डा. निश्चल यादव ने सेमीकंडक्टर प्लाजमा पर व्याख्यान दिया। विभागाध्यक्ष प्रो. रामकृपाल ने दूसरे सत्र की अध्यक्षता की। प्रथम सत्र का संचालन प्रो. हरि प्रकाश ने किया। देश के विभिन्न हिस्सों से आए युवा वैज्ञानिकों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए। संवाद सत्र में युवा वैज्ञानिकों और प्रमुख वक्ताओं के बीच ज्ञान का आदान प्रदान हुआ। पोस्टर प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।