'सीता के राम' की लीला में खोए दर्शक
जासं, इलाहाबाद : घुंघरु प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतिम दिन रविवार की
जासं, इलाहाबाद : घुंघरु प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतिम दिन रविवार की शाम नृत्य नाटिका 'सीता के राम' की अद्भुत प्रस्तुति हुई। मीना खन्ना के निर्देशन में कलाकारों ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व माता सीता के बीच घटित हर पल का खूबसूरती से मंचन किया। श्रीराम के जन्म पर अयोध्यावासियों में छाई खुशी देखते ही बनीं। सोहर 'जुग-जुग जिया तू ललनवा' की सुरीली प्रस्तुति में दर्शक खोए रहे। वहीं श्रीराम के बाल्यकाल पर आधारित गीत 'ठुमक चलत रामचंद्र' लोगों को खूब भाया।
इसके बाद पुष्पवाटिका का मनोहारी दृश्य, गौरी पूजा, धनुष भंग की लीला सबको खूब भायी। वहीं सीता-स्वयंवर ने हृदय में खुशी भरी, जबकि श्रीराम वनगमन देख दर्शक भावुक हो गए। इसके अलावा राम-केवट संवाद, सीताहरण, शबरी की भक्ति, हनुमान-राम मिलन, राम-रावण युद्ध व श्रीराम राज्यभिषेक की भव्य प्रस्तुतियां हुई। नृत्य नाटिका में शुभेंदु, राघवेंद्र, दौलत, सृष्टि, आरती, कृति, सरगम, सोनी, अमित, आयुषी, राजेश ने शानदार अभिनय किया। मुख्य अतिथि प्रयाग संगीत समिति के सचिव अरुण कुमार ने कहा कि ऐसे आयोजन हमें अपनी संस्कृति से जोड़ते हैं। संचालन हरिकेश तिवारी ने किया।