पीसीएस-जे परीक्षा 2016 के नतीजों में लखनऊ की स्वरांगी शुक्ला टॉपर
गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से लॉ परीक्षा उत्तीर्ण कर 23 वर्षीय स्वरांगी शुक्ला ने पहले ही प्रयास में यूपीपीसीएस-जे परीक्षा 2016 में सफलता पायी।
इलाहाबाद (जेएनएन)। लक्ष्य कोई भी कठिन नहीं होता, बशर्ते उसमें मंजिल तक पहुंचने की लगन और कड़ी मेहनत का सम्मिश्रण हो। कुछ इसी मूल मंत्र को साध कर उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (जू.डि.) परीक्षा 2016 के तीनों टॉपरों ने लक्ष्य को हासिल किया। तीनों टॉपरों से बातचीत के प्रमुख अंश -
स्वरांगी पहले ही प्रयास में बनी टॉपर
गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी गांधी नगर से पांच वर्षीय लॉ परीक्षा उत्तीर्ण कर 23 वर्षीय स्वरांगी शुक्ला ने पहले ही प्रयास में उप्र न्यायिक सेवा सिविल जज (जू.डि.) परीक्षा 2016 सफलता ही नहीं पायी, बल्कि प्रदेश में सर्वोच्च स्थान भी हासिल किया है। आइपीएस अधिकारी विश्वंभर दयाल की इस मेधावी पुत्री ने बताया कि प्रशासनिक सेवा में जाने का उद्देश्य फिलहाल नहीं है। न्यायिक सेवा में ही उनकी संतुष्टि है। लखनऊ के इंदिरा नगर स्थित मानस एन्क्लेव कालोनी निवासी स्वरांगी की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई सिटी मांटेसरी कालेज लखनऊ से हुई है। मां गृहणी हैं और भाई सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा है। यह सफलता पाने के लिए उन्होंने करीब पांच से छह घंटे नियमित पढ़ाई की थी।
सरकारी नौकरी के साथ पढ़ाई करते रहे विनोद
दिल्ली में सीबीआइ की एंटी करप्शन शाखा में सहायक लोक अभियोजक विनोद जोशी टॉप लिस्ट में दूसरे स्थान पर हैं। वह मूलरूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ निवासी हैं। विनोद ने अपनी मेधा का लोहा मनवाया है, यूपी पीसीएस-जे 2016 का रिजल्ट आने से पहले ही पिछले माह दिल्ली न्यायिक सेवा सिविल जज 2015 की परीक्षा भी उन्होंने उत्तीर्ण कर ली है। विनोद ने बताया कि उनकी मेहनत रंग लाई। सरकारी सेवा में रहते हुए भी वे अध्ययन के लिए चार से पांच घंटे का वक्त किसी तरह से निकालते रहे हैं, इस वजह से ही सफलता हासिल की है। पिता नीलांबर जोशी भूतपूर्व सैनिक हैं और मां विमला गृहणी हैं। विनोद जोशी कहते हैं कि लक्ष्य बनाकर एकाग्र होकर अध्ययन किया जाए तो मंजिल अवश्य मिलती है।
विनोद ने दूसरे प्रयास में पाया तीसरा स्थान
पीसीएस-जे 2016 की टॉप सूची में तीसरा स्थान पाने वाले प्रतापगढ़ के लालगंज अजहरा तहसील निवासी विनोद कुमार पांडेय किसान के बेटे हैं। उन्हें दूसरे प्रयास में यह सफलता मिली है। 2013 में भी इसी परीक्षा को उत्तीर्ण करते हुए उन्होंने साक्षात्कार दिया था, लेकिन सफल नहीं हो सके थे। 39 वर्षीय विनोद कुमार पांडेय 19 साल तक भारतीय वायु सेना में सार्जेंट रहे। मार्च 2016 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और एक बार फिर पीसीएस-जे परीक्षा में शामिल हुए। इलाहाबाद में मनोरंजन कर निरीक्षक विनोद ने बताया कि उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने के बाद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी हरियाणा से एलएलएम की डिग्री प्राप्त की। इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता और गुरुजन को दिया है।