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शहर में 75 फीसद फायर हाइड्रेंट हैं खराब तो कैसे बुझेगी आग Prayagraj News

अगर शहर में भीषण आग लग जाए तो फिर तो पानी का इंतजाम करने में दिक्‍कत आएगी। शहर के अधिकांश फायर हाईड्रेंट खराब हाने की जानकारी अग्निशमन विभाग ने नगर निगम को दी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 06:41 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 09:27 PM (IST)
शहर में 75 फीसद फायर हाइड्रेंट हैं खराब तो कैसे बुझेगी आग Prayagraj News
शहर में 75 फीसद फायर हाइड्रेंट हैं खराब तो कैसे बुझेगी आग Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। शहर की आबादी करीब 22 लाख। 2.15 लाख ऐसे मकान जिनका हाउस टैक्स जमा होता है। लगभग छह हजार से ज्यादा व्यावसायिक भवन। ये आंकड़े सरकारी दस्तावेज में दर्ज हैं। इसी शहर में करेली, खुसरोबाग, टैगोर टाउन और मियोहाल सहित कुल चार बड़े फायर हाइड्रेंट हैं, जहां अग्निशमन विभाग के फायर टैंकर में पानी भरने की व्यवस्था है। हालांकि अधिकांश जगह के फायर हाईड्रेंट खराब हैं। ऐसी स्थिति में अगर दिल्ली जैसा अग्निकांड हो जाए तो आग बुझाने के लिए पानी कहां से मिलेगा। इस सवाल का जवाब शायद ही किसी के पास हो।

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बंद फायर हाइड्रेंट्स पर अग्निशमन विभाग नगर आयुक्त से पत्राचार कर चुका है

हैरान करने वाली बात यह है कि खराब और बंद हो चुके फायर हाइड्रेंट्स को लेकर बेहद चिंतित अग्निशमन विभाग दो बार नगर आयुक्त को पत्राचार भी कर चुका है। इसके बाद भी सुधार की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। साफ है कि शहर के किसी बड़े व्यावसायिक भवन, बहुमंजिली इमारत, फैक्ट्री, गोदाम, दुकान या मकान में आग लगने पर पानी के लिए लाले पड़ सकते हैं। सरकारी आकड़ों से इतर बात करें तो शहर की जनसंख्या 22 लाख से ऊपर, व्यावसायिक और दूसरे भवन भी तीन लाख से ज्यादा होंगे, कई छोटे-छोटे फायर हाइड्रेंट भी हैं, लेकिन गृहकर वसूलने वाला नगर निगम आग की घटनाओं पर पानी के लिए जरूरी इंतजाम के प्रति गंभीर नहीं है।

कई बहुमंजिली इमारतों व व्यावसायिक भवनों में आग बुझाने के इंतजाम नहीं

लचर व्यवस्था और जिम्मेदार विभाग के अफसरों की लापरवाही से जहां घनी आबादी में अवैध रूप से फैक्ट्री चल रही हैं तो तमाम बहुमंजिली इमारत से लेकर व्यावसायिक भवनों में आग बुझाने के इंतजाम नहीं है। सबसे खराब हालत पुराने शहर और चौक बाजार की है, जहां एक भी बड़ा फायर हाइड्रेंट नहीं है। पुराने शहर के कोतवाली, खुल्दाबाद, शाहगंज, रानीमंडी, मुट्ठीगंज समेत कई मुहल्ले में बेहद संकरी गलियां हैं, जहां दमकल को पहुंचने पर काफी परेशानी भी होती है। इसी क्षेत्र में कई बड़े अग्निकांड भी हो चुके हैं, जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है।

सड़कों की मरम्मत में दब गए हाइड्रेंट्स

अग्निशमन विभाग की ओर से नगर निगम को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अग्निशमन कार्य में जलापूर्ति के लिए नगर निगम द्वारा हाइड्रेंट्स स्थापित किए गए हैं। बहुत पुराने होने के कारण हाइड्रेंट्स खराब हो चुके हैं और सड़कों की मरम्मत के कारण जमीन में नीचे दब गए हैं। इससे अग्निकांड की स्थिति में घटनास्थल के समीप स्थित हाइड्रेंट से फायर सर्विस की गाडिय़ों को पानी की आपूर्ति संभव नहीं हो पा रही है। अग्निशमन विभाग ने इसी साल जून और अक्टूबर माह में फायर हाइडे्रंटस को ठीक कराने के लिए पत्र लिखा, लेकिन उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

बोले मुख्य अग्निशमन अधिकारी

मुख्य अग्निशमन अधिकारी रविंद्र शंकर मिश्रा कहते हैं कि यह बात सही है कि शहर के अधिकांश फायर हाइड्रेंट खराब हैं, जिसे ठीक करवाने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा चुका है। हाइड्रेंट्स ठीक न होने के कारण अग्निकांड के दौरान आग बुझाने के लिए जलापूर्ति नहीं हो पाती है।


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