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राम मंदिर के लिए संगम में शुरू हुआ राजसूय यज्ञ

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) प्रयाग की धरा पर राजसूय यज्ञ करेगी। यह अनुष्ठान 17 जनवरी से शुरू होकर आठ फरवरी तक चलेगा।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 02:02 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 12:38 PM (IST)
राम मंदिर के लिए संगम में शुरू हुआ राजसूय यज्ञ
राम मंदिर के लिए संगम में शुरू हुआ राजसूय यज्ञ

इलाहाबाद [श्रीनारायण मिश्र] । अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) प्रयाग की धरा पर राजसूय यज्ञ कर रही है। यह अनुष्ठान 17 जनवरी से शुरू होकर आठ फरवरी तक चलेगा। विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपतराय, श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास समेत पांच लाख लोग इसमें आहुति डालेंगे। प्रयाग में संगम तट पर चल रहे माघ मेले के दौरान विश्र्व हिंदू परिषद अयोध्या में राममंदिर के लिए विशेष अभियान शुरू कर रही है। केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में यह मुद्दा तय किया जा चुका है। संत सम्मेलन में भी यही मुद्दा इस बार विशेष रूप से उठाया जाएगा।

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संत समाज के विशेष अनुरोध पर विहिप के शीर्ष नेताओं ने माघ मेले में राजसूय यज्ञ कराने का निर्णय लिया है। मंगलवार दोपहर 12 बजे से यह यज्ञ आरंभ हो जाएगा। पहले दिन चंपतराय भी आहुति डालेंगे। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेश, नामी संत-महात्मा यज्ञ में आहुति डालने के लिए आएंगे। यज्ञ में प्रतिष्ठित पंडितों के अलावा सभी वेद विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र मंत्रोच्चारण करेंगे। विहिप के जिला प्रवक्ता अश्वनी मिश्र ने इसकी पुष्टि की। कहा कि तैयारियां कर ली गई हैं। बताया कि प्रयाग में इस यज्ञ के बाद पूरे देश में इस तरह के आयोजन होंगे। इन यज्ञों के जरिए कुल 33 करोड़ लोगों से आहुति डलवाई जाएगी।

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श्रीराम व युधिष्ठिर ने किया था यज्ञ

राजसूय यज्ञ का पौराणिक महत्व है। पहले त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने अयोध्या वापस लौटने पर राजसूय यज्ञ किया था। द्वापर में पांडवों के सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर ने इस यज्ञ का आयोजन किया था।

20 टन हवन सामग्री की आहूति

राजसूय यज्ञ के लिए विहिप के शिविर में बड़ा इंतजाम किया गया है। 27 फुट लंबा और 27 फुट चौड़ा हवनकुंड बनाया गया है। कुल 14 ट्रक लकड़ी मंगाई जा रही है। कुल 20 टन हवन सामग्री की आहुति दी जाएगी।

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