मिलावटी शराब पर अंकुश नहीं लगने देती कम सजा और थोड़ा जुर्माना
शराब में मिलावट पर अर्थदंड और कैद की सजा कम है। इसके चलते मिलावट पर अंकुश नहीं है और आए दिन जहरीली शराब से लोग जान से हाथ धो रहे हैं।
इलाहाबाद (जेएनएन)। अभी शराब में मिलावट पर छह माह का कारावास और दो हजार रुपये का अर्थदंड है। इसके चलते मिलावट पर अंकुश नहीं है और आए दिन जहरीली शराब की चपेट में आकर लोग जान से हाथ धो रहे हैं।गंगा और यमुना के कछार में अवैध शराब का अच्छा खासा कारोबार चल रहा है। गांवों में बड़े तालाबों किनारे भी यह काम बड़ी आसानी से होता है। अधिक नशीली शराब बनाने के चक्कर में कई बार मात्रा के हेरफेर से शराब जहरीली हो जाती है और मौत का कारण बनती है।
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मिलावट पर बढ़ने जा रही सजा
अब सरकार एक वर्ष की जेल और पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाने का कानून बना रही है। मादक वस्तुओं को रखने की सजा को भी तीन माह से बढ़ाकर न्यूनतम छह माह और अर्थदंड को दो हजार से पांच हजार रुपये किया जा रहा है। मादक वस्तुओं के अवैध आयात और परिवहन पर पांच हजार रुपये के अर्थदंड को बढ़ाकर 10 हजार रुपये तक करने का भी प्रस्ताव है। इस तरह के अन्य मामलों में भी एक से तीन वर्ष की सजा के साथ ही 25 हजार तक जुर्माना प्रस्तावित है। कंपाउडिंग धनराशि को भी पांच हजार से बढ़ाकर 10 हजार किया जा रहा है।
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लापरवाही बरतने वाले अफसर दंड़ित होंगे
इलाहाबाद में अवैध शराब के कारोबार की सूचना पर कल आबकारी ने जबरस्त अभियान चलाया लेकिन शराब के दंधे में लगे लोगों की इस बात में दम है कि पुलिस इस धंधे के बारे में सब कुछ जानती है। अब सरकार ऐसी मिलीभगत रखने वाले अफसरों के कर्तव्यपालन में हीलाहवाली पाए जाने पर उन्हें भी कठोर दंड देने का प्रस्ताव है। अब तलाशी आदि के मामले में जरा भी लापरवाही पाने पर संबंधित अफसरों का निलंबन और बर्खास्तगी तक हो सकेगी। हालांकि गिरफ्तारी, निरुद्ध, जब्ती, सर्च वारंट और जमानती व गैर जमानती धाराओं आदि में संशोधन प्रस्तावित कर अफसरों के अधिकारों में भी इजाफा किया जा रहा है।