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Kumbh mela 2019 : अखाड़ों के जाने से उदास होने लगा कुंभ नगर, श्रद्धालुओं को मलाल

तीसरे शाही स्‍नान वसंत पंचमी के बाद अब अखाड़े जा चुके हैं। कुछ संत और नागा ही रह गए हैं। अखाड़ों को न पाकर यहां आने वाले भक्‍तों को निराशा हाथ लग रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 10:09 AM (IST)
Kumbh mela 2019 : अखाड़ों के जाने से उदास होने लगा कुंभ नगर, श्रद्धालुओं को मलाल
Kumbh mela 2019 : अखाड़ों के जाने से उदास होने लगा कुंभ नगर, श्रद्धालुओं को मलाल

कुंभनगर : अखाड़ों के जाने से कुंभनगर मायूस है। सेक्टर 16 की रौनक खत्म होने लगी है। सिर्फ जूना अखाड़े का मुख्य शिविर बचा है। यहां कुछ नागा संन्यासी अपनी कुटिया में हैं। अधिकांश पदाधिकारी मौजगिरि आश्रम में आ गए हैं। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद भी यहां से हरिद्वार चले गए। उनके यहां से जाते ही अलौकिक शिविर उदास हो गया। अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद, प्रखर महराज, बालकानंद गिरि, शंकरानंद सरस्वती, आत्मानंद सरस्वती समेत सभी महामंडलेश्वर एक-एक करके यहां से निकल गए।

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अखाड़ों को न देख श्रद्धालुओं की भीड़ हो रही मायूस

माघी पूर्णिमा के दो दिन पहले से ही संगम में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मेले में आ रही है लेकिन अखाड़ों को यहां न देखकर सब मायूस हो रही है। संगम में स्नान के साथ सबको अखाड़ों को देखने की भी उत्सुकता थी। संगम में डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ सेक्टर 16 की ओर जा रही है। यहां अधिकांश अखाड़े चले गए हैं। कुछ अखाड़ों के बाहर कुटिया में नागा संन्यासी धूनी रमाए हुए बैठे हैं। इनको देखने एवं आशीर्वाद पाने के लिए लोग बेकरार दिखे।

जूना अखाड़े में सन्नाटा, कुछ ही नागा रुके

जूना अखाड़े की अधिकांश शिविर उखड़ गए हैं। अभी मुख्य शिविर बचा हुआ है। यहां एक दो पदाधिकारी एवं नागा संन्यासी रुके हुए हैं। निरंजनी, महानिर्वाणी, अग्नि, अटल, आहवान, दिगंबर, निर्वाणी, निर्मल, बड़ा पंचायती उदासनी अखाड़े यहां से चले गए हैं। कुछ के शिविर हैं जिसमें भक्त रुके हुए हैं। यह सब माघी पूॢणमा के स्नान के बाद यहां से चले जाएंगे। वैरागी अखाड़े के कुछ संत महंत जरूर यहां रुके हुए हैं और उनका प्रवचन चल रहा है।

जूना पीठाधीश्‍वर ने भक्‍तों से लिया विदा

जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि अपने स्वयंसेवकों एवं टूस्टियों व भक्तों से मुलाकात की। फिर हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ उन्होंने अपने भक्तों से विदा ली। स्वामी अवधेशानंद गिरि के शिविर से जाने के दौरान यहां की रौनक कम हो गई। भक्त उनके वाहन के साथ काफी दूर तक पैदल गए। कई अफसर ने विदाई के समय पहुंचे उनका आर्शीवाद लिया। महामंडलेश्वर कैलाशानंद के शिविर में भी भावुकतापूर्ण माहौल था। बड़ी संख्या में भक्त एवं साधु संन्यासी उन्हें विदा करने के लिए शिविर में पहुंचे। झूंसी सर्किल के एसपी समीर सौरभ समेत बड़ी संख्या पुलिसकर्मियों ने भी वहां पहुंचकर उन्हें विदाई दी। स्वामी कैलाशानंद यहां से लखनऊ जाएंगे फिर हरिद्वार प्रस्थान करेंगे। ऐसे ही अन्य साधु संतों के शिविर का माहौल दिखा।

माघी पूर्णिमा के बाद काशी जाएगा जूना का पंच

जूना अखाड़ा का पंच माघी पूॢणमा के बाद यहां से काशी जाएगा। धर्मध्वजा की तनी भी उसी के बाद ढीली होगी। अखाड़े ने अभी यहां से प्रस्थान की तिथि तय नहीं की है। अखाड़े के सचिव महंत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि अखाड़े के अधिकांश संन्यासी चले गए हैं। संरक्षक महंत हरि गिरि, नए अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि समेत कुछ पदाधिकारी रुके हुए हैं। कढ़ी-पकौड़ी के बाद सब काशी रवाना हो जाएंगे।


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