कुंभ मेले के लिए गंगा के दोनों किनारों पर बनाया रहा 10 किलोमीटर लंबा घाट
कुंभ मेला में 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। ऐसे में सुगम स्नान के लिए मेला प्रशासन गंगा, यमुना और संगम के किनारे पर 10 किमी स्नान घाट बनवा रहा है।
प्रयागराज (जेएनएन)। संगम की रेती पर लगभग 15-16 किमी क्षेत्रफल में बस रहे कुंभ मेला में 15 करोड़ श्रद्धालुओं व पर्यटकों के आने की उम्मीद है। ऐसे में इन्हें सुगम स्नान कराना बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए मेला प्रशासन गंगा, यमुना और संगम के दोनों किनारे पर करीब 10 किमी का स्नान घाट बनवा रहा है। अरैल से लेकर फाफामऊ और छतनाग तक यह घाट बालू भरी बोरियों से बनाए जाएंगे। घाटों के किनारे पुआल और सरपत भी रखा जाएगा, जिससे कीचड़ न हो। इसमें एक मिनट में 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। स्नान के बाद श्रद्धालुओं को गंतव्य तक सकुशल वापस पहुंचाने के लिए भी मेला प्रशासन रणनीति बना रहा है।
संगम पर हो चुका हादसा
वर्ष 2013 के कुंभ में मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दौरान संगम नोज पर भगदड़ मची थी, जिसमें दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। उसी रात वापस लौट रहे श्रद्धालुओं के साथ जंक्शन (रेलवे स्टेशन) पर बड़ा हादसा हो गया था। इन घटनाओं से सबक लेते हुए मेला प्रशासन ने इस बार आपदा प्रबंधन पर ज्यादा फोकस किया है। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद की मानें तो अनुमानित भीड़ को देखते हुए मुकम्मल व्यवस्था की जा रही है। मेला एरिया में श्रद्धालुओं के लिए बनाए जाने वाले घाटों का निर्माण जल्द ही शुरू करा दिया जाएगा।
34 करोड़ से चार पक्के घाट
गंगा और यमुना नदी पर चार पक्के घाटों का निर्माण कराया जा रहा है। झूंसी में छतनाग और नागेश्वर मंदिर के पास लगभग छह करोड़ रुपये की लागत से पक्के घाट बनाए जा रहे हैं। इसी तरह शहर में मौजगिरि मंदिर के पास तीन करोड़ रुपये की लागत से पक्के घाट का निर्माण कराया जा रहा है। अरैल में सच्चा बाबा आश्रम के सामने तकरीबन 25 करोड़ की लागत से पक्का घाट बनाया जा रहा है।
शाही स्नान को अलग घाट
कुंभ के दौरान प्रमुख स्नान पर्वों पर अखाड़ों के शाही स्नान के लिए संगम पर अलग घाट बनेंगे। अखाड़ों के आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए जाएंगे। इसके अलावा किला के पास दो वीआइपी घाट बनाए जा रहे हैं।
होगी आकर्षक लाइटिंग
स्नान घाटों पर आकर्षक लाइटिंग कराई जाएगी। खासतौर पर संगम पर एलईडी लगाई जाएगी। इसके अलावा महिलाओं के लिए संगम पर तकरीबन दो हजार चेंजिंग रूम बनाए जाएंगे। तीन हजार के करीब डस्टबिन भी रखे जाएंगे।