मुस्लिम मतावलंबी हिंदुओं को अपना पूर्वज मानें: डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी
देश में शांति के लिए जरूरी है कि मुस्लिम मतावलंबी हिंदुओं का अपना पूर्वज मानें। जब तक वह (मुसलमान) खुद को मोहम्मद गजनी और मोहम्मद गौरी का वंशज मानेंगे, देश में शांति नहीं आएगी।
इलाहाबाद (जेएनएन)। भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ.सुब्रमण्यम स्वामी की राय में भारतीय सीमा के पास अपनी गतिविधियां बढ़ाने वाले चीन को अपनी हद में रहना चाहिए। डॉ. स्वामी कल इलाहाबाद में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के तहत एक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि थे। इस दौरान उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर की बाबत भी प्रधानमंत्री को संसद में प्रस्ताव लाने की सलाह दी।
भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा सदस्य डॉ.सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि भारत आज विश्व में एक बड़ी शक्ति है। इसी कारण अब किसी का भी उससे पंगा लेना आसान नहीं है। केपी कम्युनिटी सेंटर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के तहत अरुधंती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ के बैनर तले 'लोक जीवन में भारतीय अस्मिता' विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि डा. स्वामी ने कहा कि भारत आज एक शक्ति है। अगर कोई हमें छेड़ेगा तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस बात को समझ चुका है, अब तो चीन भी इसको मान ले तो उसके लिए बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि उसके सैनिकों ने पत्थर फेंका तो हमने पत्थर फेंककर जवाब दिया। हमने तो मुक्केबाजी में भी उनकी चुनौती खत्म कर दी।
अयोध्या में राम मंदिर की बाबत डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में प्रस्ताव लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अपने सर्वे में विवादित स्थल पर मंदिर होने की बात कही है। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर संसद में प्रस्ताव लाएं ताकि अतिशीघ्र राममंदिर बन सके।
उन्होंने कहा देश में शांति के लिए जरूरी है कि मुस्लिम मतावलंबी हिंदुओं को अपना पूर्वज मानें। जब तक वह (मुसलमान) खुद को मोहम्मद गजनी और मोहम्मद गौरी का वंशज मानेंगे, देश में शांति नहीं आएगी। संपूर्ण भारत वर्ष के नागरिकों का डीएनए एक है। इसमें किसी प्रकार का मतभेद नहीं है।
स्वामी ने कहा कि जहां रामलला पैदा हुए वहीं राममंदिर का निर्माण होगा। अयोध्या में मुसलमान सरयू के उस पार मस्जिद बनवा लें। इसमें उनकी हर संभव मदद की जाएगी।डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि विश्व में अभी भी भारतीय संस्कृति का ही डंका बजता है। अभी विश्व की 46 संस्कृतियों में केवल भारतीय संस्कृत ही बची है। इसे कोई भी खंडित नहीं कर पाएगा। बस, सभी लोगों को एकजुट होने की जरूरत है।
हिंदू केवल तीन मंदिर मांग रहे
उन्होंने कहा मुसलमानों ने हिंदुओं के 40 हजार मंदिरों को तोड़ा था, लेकिन हिंदू समाज केवल तीन मंदिर वापस मांग रहा है। यह हैं मथुरा, अयोध्या और वाराणसी। उनका यह भी कहना था कि आपातकाल का काला अध्याय जोडऩे वाले लोग आज हमें असहिष्णु कह रहे हैं, यह दुर्भाग्य है।
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कांग्रेस का हो स्वदेशीकरण
उन्होंने कहा कि 2014 में देश में बहुत बड़ा परिवर्तन आया। ङ्क्षहदुत्व की लहर चली। एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला। कांग्रेस को अब यह बात समझ आ गई है। कांग्रेस का जब तक स्वदेशीकरण नहीं होगा, तब तक उसका कोई भविष्य नहीं है।
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उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार आने के पश्चात मुस्लिम महिलाओं में विश्वास जगा है कि उनके साथ अन्याय नहीं होगा। डा. स्वामी ने भरोसा जताया कि सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में फैसला आएगा।
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बदलेगा इलाहाबाद का नाम
डा. स्वामी ने कहा कि इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने की कवायद चल रही है। जल्द ही इस बारे में फैसला ले लिया जाएगा। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. कपिल तिवारी ने कहा कि राष्ट्र के लिए प्राकृत की रक्षा करना जरूरी है। पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. महेशचंद्र शर्मा ने कहा पंडित दीनदयाल उपध्याय ने राष्ट्र शब्द की संकल्पना की थी।