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केशव को फर्जी डिग्री के मामले में घेरने की कांग्रेस की तैयारी

कांग्रेस ने केशव प्रसाद मौर्या की डिग्री को फर्जी बताते हुए कभी देश की राजनीति की राजधानी रही संगमनगरी में पोस्टर लगाए हैं। कांग्रेेस ने सोशल साइट्स पर भी पोस्टर को जारी कर दिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 23 Jan 2017 01:21 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2017 04:00 PM (IST)
केशव को फर्जी डिग्री के मामले में घेरने की कांग्रेस की तैयारी
केशव को फर्जी डिग्री के मामले में घेरने की कांग्रेस की तैयारी

इलाहाबाद (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में तीखे तेवर के साथ उतरने की तैयारी में है। इसी क्रम में कांग्रेस अब भारतीय जनता पार्टी को घेरने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या की डिग्री को अपना हथियार बनाने की जोरदार तैयारी में हैं।

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कांग्रेस ने इसको लेकर केशव प्रसाद मौर्या की डिग्री को फर्जी बताते हुए कभी देश की राजनीति की राजधानी रही संगमनगरी में पोस्टर लगाए हैं। इलाहाबाद में पोस्टर लगाने के साथ ही कांग्रेेस ने सोशल साइट्स पर भी इस पोस्टर को जारी कर दिया है। इस पोस्टर को लगाने वाले भी इलाहाबाद में कांग्रेस का चर्चित नाम हसीब अहमद ही है।

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केशव प्रसाद मौर्या इसको लेकर एक मुसीबत में फंसते दिख रहे हैं। कांग्रेस से मौर्या के खिलाफ फर्जी डिग्री मामले की शिकायत दर्ज करवाते हुए उनकी लोकसभा की सदस्यता खत्म करने की मांग की है। मौर्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद को बीजेपी कार्यकर्ता बताने वाले राजू तिवारी है। तिवारी के साथ ही हसीब अहमद ने केशव प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर स्पीकर सुमित्रा महाजन और चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी है।

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केशव प्रसाद की शैक्षणिक योग्यता

आरोप है कि 2012 के विधानसभा चुनाव में कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट और साल 2014 में फूलपुर लोकसभा सीट से नामांकन के दौरान दाखिल एफिडेविट में मौर्या ने अपनी डिग्री बीए बताई है। बीए पास करने का वर्ष 1997 बताया गया है। साथ ही यह भी लिखा गया है कि उन्होंने हिन्दी साहित्य सम्मलेन से ही बीए की डिग्री हासिल की है।

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क्या है मौर्या के खिलाफ शिकायत

राजू तिवारी और कांग्रेस नेता हसीब अहमद का आरोप है कि केशव प्रसाद ने चुनावी हलफनामे में डिग्रियों के संदर्भ में गलत जानकारी दी है। राजू तिवारी के मुताबिक मौर्या ने 2007 के चुनाव में अपनी डिग्री इलाहाबाद के हिन्दी साहित्य सम्मेलन से उत्तमा बताई थी। हलफनामे के मुताबिक 1986 में प्रथमा, 1988 मध्यमा और 1998 में उत्तमा करना बताया गया है। प्रथमा की डिग्री को कुछ राज्यों में हाईस्कूल, मध्यमा को इंटरमीडिएट औऱ उत्तमा को स्नातक माना जाता है।

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शिकायतकर्ता का दावा

शिकायतकर्ता राजू तिवारी का दावा है कि हिन्दी साहित्य सम्मेलन बीए की डिग्री नहीं देता है। ऐसे में हलफनामे में दी गई डिग्री की जानकारी गलत है। राजू तिवारी का सवाल है कि अगर उत्तमा की डिग्री को ही केशव प्रसाद मौर्य अपनी बीए बता रहे हैं तो फिर दोनों के उत्तीर्ण वर्ष को लेकर अलग वर्ष क्यों लिखा गया है। 2007 के हलफनामे में उत्तमा की डिग्री पाने का साल 1998 लिखा गया है, जबकि 2012 और 2014 के चुनाव में डिग्री पाने का साल 1997 लिखा गया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि मौर्य अपनी डिग्रियां सार्वजनिक करें।


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