इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुपरटेक के हजार से ज्यादा फ्लैट सील करने के आदेश दिए
कोर्ट ने सुपरटेक को बताने को कहा है कि कितने फ्लैट आवंटित किए गए हैं और कितने आवंटियों को कब्जा दिया जा चुका है तथा कितने फ्लैट अब भी खाली हैं।
इलाहाबाद (जेएनएन)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा स्थित सुपरटेक जार हाउसिंग प्रोजेक्ट के अवैध 1060 फ्लैटों को सील करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सुपरटेक डेवलपर की ओर से दी गई जानकारी को संतोषजनक नहीं माना और नए सिरे से बेहतर हलफनामा दाखिल करने को कहा।
कोर्ट ने उनसे यह बताने को कहा है कि कितने फ्लैट आवंटित किए गए हैं और कितने आवंटियों को कब्जा दिया जा चुका है तथा कितने फ्लैट अब भी खाली हैं, जिनका आवंटन किया जाना है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने वीके शर्मा व अन्य की याचिका पर दिया है।
मामले के तथ्यों के अनुसार सुपरटेक कंपनी को वर्ष 2007 में 844 फ्लैट बनाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन उसने बिना अनुमति व नक्शा पास कराए 1904 फ्लैट बना लिए। इस पर हुई आपत्ति के बाद डेवलपर ने कम्पाउन्डिंग देकर अनुमति ले ली। इस पर यह याचिका दाखिल की गई।
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कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को थर्ड पाटी राइट देने एवं फ्लैट बेचने पर रोक लगा दी थी और डेवलपर न अथॉरिटी से प्रोजेक्ट का पूरा ब्योरा मांगा था। डेवलपर के हलफनामे में अधूरी जानकारी होने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और बेहतर हलफनामा मांगा है।
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