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परिषद के विकास में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण

By Edited By: Published: Sun, 03 Jun 2012 10:37 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2012 10:38 PM (IST)
परिषद के विकास में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण

-कार्यशाला में पदाधिकारियों ने रखे विचार

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जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : भारत विकास परिषद प्रयाग प्रांत की एक दिवसीय कार्यशाला रविवार को एक होटल में आयोजित कई गई, जिसमें मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति एके योग ने कहा कि परिषद के विकास में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। बच्चों में स्वाभिमान की भावनाएं मां के रूप में वह जागृत कर सकती हैं। भारतीय संस्कृति को बनाए रखने में महिलाओं का योगदान जरूरी है। इससे पहले उन्होंने कार्यशाला का शुभारंभ किया।

कार्यशाला में डॉ. चंपा श्रीवास्तव ने परिषद दर्शन, ध्येय व उद्देश्य एवं कार्यशाला की उपयोगिता और संस्कार विषय पर अपने विचार रखे। मुकेश जैन ने परिषद के संगठनात्मक स्वरूप एवं दायित्वों एवं उनके प्रोटोकाल की जानकारी दी। शाखा विस्तार एवं सदस्यता शिविर के विषय पर हृदयेश दीक्षित ने मार्गदर्शन दिया। वहीं सीए नवीन चंद्र अग्रवाल ने वित्तीय प्रबंध, वार्षिक कार्यक्रम बजट, एकाउंट कीपिंग विषय पर चर्चा की।

इसके अलावा डॉ. आरबी श्रीवास्तव, श्याम सुंदर अग्रवाल, महेन्द्र नाथ रावत, डॉ जितेन्द्र नाथ, डॉ. अल्पना अग्रवाल, उमेश प्रताप, विजय रस्तोगी, आलोक शाह ने भी परिषद को मजबूत बनाने के लिए सुझाव दिए। वक्ताओं का कहना था कि कार्यक्रमों में समय बद्धता, स्वस्थ्य सामान्य ज्ञान, स्मरण एवं आत्मसात की क्षमता, स्पष्ट कथन, तीक्ष्ण याददाश्त, न्याय भावना, राजनीति से दूरी, विनोद बुद्धि के साथ ही मित्रवत व्यवहार एवं अनुकूल वेषभूषा महत्वपूर्ण होता है। कार्यक्रम में राधेश्याम करेल, डॉ. विवेक भदौरिया, माया द्विवेदी, मदन मोहन, निशान्त पुरवार को स्मृति चिंह प्रदान किया।

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