यात्रियों के 'बोझ' तले दबी रेल
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : ट्रेन में मिस्टर शर्मा और वर्मा के बीच में सामान रखने को लेकर विवाद हो रहा था। वर्मा का आरोप था कि शर्मा जी सामान ज्यादा लेकर चल रहे हैं जिससे वे अपना सामान नहीं रख पा रहे हैं, अन्य यात्रियों को भी अटैची, होल्डाल व बोरियों से परेशानी हो रही थी। बोगी में खड़े यात्री फर्श पर पैर तक नहीं रख पा रहे थे। आए दिन ट्रेनों में ऐसी स्थिति दिखाई देती है।
इन दिनों गाड़ियों में यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है। कोचों में बैठने की कौन कहे खडे़ तक होने की जगह नहीं मिल रही है। भीड़ के चलते स्लीपर कोच भी साधारण में तब्दील हो गए हैं। ऐसे में यात्रियों का भारी-भरकम लगेज लेकर चलना न केवल रेल पर भारी पड़ रहा है बल्कि यात्रियों को भी परेशान करता है। बोगियों में सीटों के नीचे, गैलरी और दरवाजों के आसपास तक लगेज ठूंस दिए जाने से इस भीड़ में यात्रियों को काफी परेशानी होती है। इस संबंध में रेलवे ने प्रति यात्री लगेज लेकर चलने का मानक निर्धारित किया है लेकिन इस पर शायद ही कभी कोई अमल करता है। रेलवे प्रशासन कभी-कभार बिना बुक लगेज लेकर चलने पर कार्रवाई करता है। जागरूकता अभियान भी चलाता है लेकिन स्थिति में बदलाव नहीं हो रहा है।
सामान ले जाने संबंधी नियम
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श्रेणी निश्शुल्क भार छूट अधिकतम
1एसी 70किग्रा 15किग्रा 150किग्रा
2एसी 50किग्रा 10किग्रा 100किग्रा
3एसी 40किग्रा 10किग्रा 40किग्रा
स्लीपर 40किग्रा 10किग्रा 80किग्रा
साधारण 35किग्रा 10किग्रा 70किग्रा
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रेल यात्रा में सामान लेकर चलने की मात्रा निर्धारित है। उससे अधिक सामान को बुक कराकर ही ले जाया जाना चाहिए। समय-समय पर इसके लिए जागरूकता और चेकिंग अभियान चलाया जाता है।
अमित मालवीय, पीआरओ
उत्तर मध्य रेलवे, इलाहाबाद।
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