रिटायर्ड कर्मी को पेंशन रोकने की नोटिस
सफाई प्रस्तुत करने के लिए दिया पन्द्रह दिन का समय
कर्मियों के आंदोलन की अगुवाई करने से तिलमिलाया एजी प्रशासन
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : बर्खास्त और निलंबित कर्मचारियों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का नेतृत्व करने से नाराज एजी प्रशासन ने कार्यालय से सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी को नोटिस थमाकर पेंशन रोकने की चेतावनी दी है। कर्मचारी पर विभिन्न आरोप लगाते हुए सफाई प्रस्तुत करने को पन्द्रह दिन का समय दिया गया है।
विगत 24 फरवरी को महालेखाकार कार्यालय के कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर कार्यालय में प्रदर्शन किया था। तोड़फोड़ और वरिष्ठ अधिकारियों को अपशब्द कहने के आरोप में कई कर्मियों को बर्खास्त और निलंबित कर दिया गया था जिसके विरोध में कार्रवाई की जद में आए कर्मचारी आंदोलित हैं। वे तभी से एजी कार्यालय के गेट पर धरना दे रहे हैं। कार्रवाई होने के भय से एजी में कार्यरत कर्मी तो धरनास्थल की ओर नहीं फटक रहे लेकिन सेवानिवृत्त कर्मियों ने खुलेआम मोर्चा संभाल रखा है। वर्तमान में सेवारत और यूनियन के बडे़ नेता जब पिछे हट गए तो रिटायर हो कृपाशंकर श्रीवास्तव, श्यामलाल तिवारी और केएस दुबे जैसे नेताओं ने आंदोलन की बागडोर संभाली। कर्मियों का कहना है कि इस बात से नाराज एजी प्रशासन ने तीनों नेताओं का कुछ दिन पूर्व कार्यालय में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया। सिविल एकाउंट्स ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त सुपरवाइजर केएस दुबे को एजी प्रशासन ने नोटिस तामील करते हुए 15 दिन में जवाब मांगा है कि क्यों न कार्यालय विरोधी गतिविधियों में उनकी पेंशन रोक दी जाए। दूसरी ओर केएस दुबे का कहना है कि वे सेवारत नहीं हैं इसलिए कर्मचारियों के आंदोलन में भाग ले सकते हैं। उन्हें दी गई पेंशन रोकने की नोटिस गलत है।
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