लोगों में स्वच्छता की अलख जगा रहे दंपती
जासं, इलाहाबाद : शहर स्मार्ट सिटी बनने की डगर पर आगे बढ़ चुका है, फिर भी ज्यादातर लोग अक्सर कचरे को
जासं, इलाहाबाद : शहर स्मार्ट सिटी बनने की डगर पर आगे बढ़ चुका है, फिर भी ज्यादातर लोग अक्सर कचरे को डस्टविन में डालने की जगह इधर-उधर फेंक देते हैं। इससे इतर अल्लापुर में रहने वाले एक दंपती लोगों में स्वच्छता की अलख जगा रहे हैं। वह शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क (कंपनीबाग) में नियमित घूमने के साथ वहां पड़े कचरे को भी बिनते हैं। कचरे बिनते समय दंपती के हाथ में दो बोरियां होती हैं। एक (हरे रंग की बोरी) में पेपर आदि रखते हैं, जो रीसाइकल हो सके और एक (सफेद रंग की बोरी) में पॉलीथिन, दोने-पत्तल आदि रखते हैं, जिसे बाहर ले जाकर डस्टविन में डाल देते हैं।
संजीव त्रिपाठी जमुनीपुर कोटवा के रहने वाले हैं और अल्लापुर में उनका आवास है। उनका नाम शहर के नामचीन बिल्डरों में शुमार है और सावित्री कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर हैं। सिविल इंजीनिय¨रग की पढ़ाई के बाद ही उन्होंने वर्ष 1992 से कंस्ट्रक्शन का कार्य शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू से ही साफ-सफाई, पशु-पक्षियों और प्रकृति से काफी प्रेम रहा है। प्रारंभ में वह मुहल्ले की साफ-सफाई को लेकर बहुत जागरूक रहे और पार्क का जीर्णोद्धार कराकर उसे खूबसूरत बनवाया। कंपनी बाग में वह घूमने आते थे तो इधर-उधर फैली गंदगी देखकर वह व्यथित होते थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से उन्हें प्रेरणा मिली। लिहाजा, डेढ़-दो साल से उन्होंने कंपनी बाग में कचरा बीनने का कार्य प्रारंभ कर दिया। इस काम में उनका साथ उनकी पत्नी अर्चना त्रिपाठी भी देती हैं। पशु-पक्षियों से लगाव का ही नतीजा है कि कंपनीबाग में चिड़िया और गिलहरी उनके हाथ से दाने खाती हैं। कंपनीबाग में कई तरह के पौधे भी उन्होंने लगाए हैं, जिसकी देखरेख भी वह करते हैं। वह बताते हैं कि लोगों को गंदगी न करने के लिए भी विनय प्रेरित करते हैं। वहीं, पत्नी अर्चना का कहना है कि इस कार्य को वह लोग पूरे साल करते हैं। त्योहारों में भी आकर डेढ़-दो घंटे वह इस कार्य को करते हैं।