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विश्वविद्यालय ने कटऑफ घटाया

जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने क्रेट को छोड़कर स्नातक व परास्नातक के विभिन्न पाठ्यक्रमों

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jun 2017 01:00 AM (IST)
विश्वविद्यालय ने कटऑफ घटाया
विश्वविद्यालय ने कटऑफ घटाया

जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने क्रेट को छोड़कर स्नातक व परास्नातक के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए न्यूनतम अहर्ता अंक को घटा दिया है। सामान्य वर्ग के लिए कटऑफ अब 20 व ओबीसी वर्ग के लिए 18 फीसद कर दिया गया है। अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए पहले की व्यवस्था यथावत रखते हुए शून्य कटऑफ रखा गया है। कटऑफ मा‌र्क्स का प्रतिशत घटाने के बाद अब स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रमों में कुल 14670 विद्यार्थी क्वालीफाई हो गए हैं। पहले केवल 8800 छात्र क्वालीफाई थे। सीटों की संख्या 14200 है। कुलपति ने यह फैसला मंगलवार को सुबह 11 बजे विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यो की एक बैठक में लिया। यह बैठक कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू की अध्यक्षता में विधि विभाग में हुई। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। जिसमें संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट) को छोड़कर बाकी स्नातक-परास्नातक के सभी पाठ्यक्रमों के लिए ली गई प्रवेश परीक्षाओं के कटऑफ प्राप्ताकों को कम कर दिया गया। पूर्व में यह कटऑफ सामान्य वर्ग के लिए 30 तथा ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत था। कुलपति ने बताया कि यह निर्णय छात्रों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व भारत सरकार के उच्च शिक्षा की व्यापकता के मन्तव्य के परिप्रेक्ष्य में लिया गया है। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि कटऑफ का यह प्रावधान दिव्याग, खेलकूद एवं कर्मचारी कोटे के अभ्यर्थियों पर लागू नहीं होगा।

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फिर भी खाली रह जाएंगी इविवि में सीटें

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की मंशा कैंपस में एक मिनिमम योग्यता के छात्रों को प्रवेश देने की थी। इसलिए पहली बार कटऑफ की व्यवस्था लागू की गई थी। कटऑफ रखने के बाद 5200 सीटें खाली होने की नौबत आ गई थी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय का यदि पिछले वर्षो का रिकॉर्ड देखा जाए तो पहले भी शून्य कटऑफ रखने के बाद भी कला व संस्कृत उर्दू जैसे पाठ्यक्रमों में कई सौ सीटें खाली रह जाती थीं। चौधरी महादेव, राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय, हमीदिया ग‌र्ल्स डिग्री कॉलेज में स्नातक में सीटें खाली रह गई थीं। इस बार भी भले ही कटऑफ कम कर दिया गया है, पर जिन पाठ्यक्रमों में सीटों के सापेक्ष आवेदन कम हुए हैं उनमें सीटों के खाली रहने की प्रबल संभावना है।


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