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एक रुपये के छोटे सिक्के को लेकर किचकिच

जासं, इलाहाबाद : एक रुपये के छोटे सिक्के बंद होने की अफवाह अब लोगों से लेकर दुकानदार के लिए सिरदर्द

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jun 2017 01:00 AM (IST)
एक रुपये के छोटे सिक्के को लेकर किचकिच
एक रुपये के छोटे सिक्के को लेकर किचकिच

जासं, इलाहाबाद : एक रुपये के छोटे सिक्के बंद होने की अफवाह अब लोगों से लेकर दुकानदार के लिए सिरदर्द बन गया है। कोई भी व्यक्ति एक रुपये का छोटा सिक्का लेने के लिए तैयार नहीं है। दुकानदार परेशान हैं कि आखिरकार जो सिक्के उनके पास हैं, उनका क्या करें। क्योंकि ग्राहक सिक्के ले नहीं रहे हैं। बैंक इन्हें जमा कर नहीं रहा है।

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पिछले एक महीने से एक रुपये के छोटे सिक्के को लेकर किचकिच हो रही है। न ग्राहक सिक्के लेने को तैयार हो रहा है, न ही दुकानदार ले रहा है। जबकि बाजार में सिक्कों की भरमार है। एक रुपये से लेकर दस रुपये के सिक्के बैंकों ने खूब बांटे हैं। पिछले तीन महीने से बैंकों में नकदी संकट चलने के कारण बैंकों के पास जितने सिक्के पड़े थे। धीरे-धीरे करके उन्होंने सिक्कों को बाजार में ला दिया है। इसलिए अब कहीं पर कोई सामान करने पर दुकानदार सिक्के जरूर पकड़ा देता है। दस रुपये के सिक्के खूब चल रहे हैं। दिक्कत एक रुपये के छोटे सिक्कों को लेकर हो रही है। सिक्के बंद होने की अफवाह के कारण लोगों के दिलों में यह बात बैठ गई है कि छोटे सिक्के बंद हो गए हैं। इसलिए वह ले नहीं रहे हैं। जबकि ऐसा कुछ नहीं हैं। कोई भी सिक्का बंद नहीं हुआ है। अगर कोई भी व्यक्ति और दुकानदार सिक्के लेने से इन्कार करता है तो वह भारतीय मुद्रा का अपमान है। ऐसा करने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। मेडिकल चौराहे पर अंडे की दुकान लगाने वाले रमेश कुमार बताते हैं कि अगर ग्राहक एक रुपये का छोटा सिक्का देता है तो भी ले लेते हैं। लेकिन ग्राहक को देने पर वह मना कर देता है। उनके पास दो हजार रुपये के सिक्के जमा हो गए हैं। कटरा के दुकानदार विवेक जायसवाल बताते हैं कि वह एक रुपये के छोटे सिक्के बैंक में जमा करने के लिए गए थे। बैंक कर्मी ने जमा करने से मना कर दिया। मैनेजर से शिकायत करने पर बाद में जैसे-तैसे सिक्के जमा हुए। अब में किसी भी ग्राहक से छोटे सिक्के लेता ही नहीं हूं। ग्रामीण क्षेत्रों में एक रुपये के छोटे सिक्कों को लेकर बड़ी परेशानी है। वहां पर कोई दुकानदार और कोई ग्राहक सिक्के लेने को तैयार नहीं होता है। चाहे उसको कितना भी समझा दीजिए।

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वर्जन

एक रुपये का छोटा सिक्का बंद नहीं हुआ है। इसलिए कोई भी व्यक्ति सिक्का लेने से इन्कार न करे। अगर वह सिक्का लेने से मना करता है तो यह भारतीय मुद्रा का अपमान है। सिक्के बैंक में जमा हो रहे हैं। लेकिन ऐसा न हो कि लोग हजारों रुपये के सिक्के लेकर बैंक पहुंच जाएं। क्योंकि वह फिर ग्राहकों को ही दिए जाएंगे।

-रामजी, लीड बैंक (बैंक ऑफ बड़ौदा) मैनेजर।


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