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'सनातन धर्म को देवरहा बाबा ने किया संरक्षित'

जासं, इलाहाबाद : अनादिकाल से धर्म प्रधान देश रहा है भारत। जहां समय-समय पर भारतीय संस्कृति के संरक्षण

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jun 2017 01:00 AM (IST)
'सनातन धर्म को देवरहा बाबा ने किया संरक्षित'
'सनातन धर्म को देवरहा बाबा ने किया संरक्षित'

जासं, इलाहाबाद : अनादिकाल से धर्म प्रधान देश रहा है भारत। जहां समय-समय पर भारतीय संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन के लिए स्वयं भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण के साथ-साथ अनेक संत-महात्माओं ने जन्म लिया। श्रीदेवरहा बाबा उन्हीं महान विभूतियों में हैं, जिन्होंने गंगा, गौरी, गायत्री एवं गाय के संरक्षण संवर्धन में जीवन समर्पित कर दिया। देवरहा बाबा के शिष्य डॉ. रामेश्वर प्रपन्नाचार्य शास्त्री ने यह बातें कही। वह बांध स्थित आश्रम में मंगलवार को देवरहा बाबा के 27वें महासमाधि पर आयोजित विचार गोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देवरहा बाबा ने अजीवन सनातन धर्म का संरक्षण देते हुए लोगों को उससे जोड़ा। यही कारण है कि बाबा के प्रति हर व्यक्ति की आस्था थी, चाहे वह संत-महात्मा हो या राजनेता एवं आम नागरिक। सभी उनका दर्शन-पूजन करके परमशांति का अनुभव करते थे। इसके पहले प्रात:काल देवरहा बाबा की प्रतिमा का पंचामृत स्नान कराकर पूजन-अर्चन हुआ। जनकल्याण को श्रीवैष्णव स्रोतों का पाठ किया गया। इस दौरान स्वामी बालक दास, एस. शास्त्री, जमुना प्रसाद तिवारी, संतोष तिवारी, ब्रह्माचारी हिमांशु, स्वामी रामप्रपन्नाचार्य ने विचार व्यक्त किए। बुधवार को विशाल भंडारा होगा।


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