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'ओल्ड ब्वायज' संवार रहे इविवि

अमरीश शुक्ल, इलाहाबाद : जिस माटी से बढ़े, मुकाम पाया, उसको सलाम। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 May 2017 01:46 AM (IST)Updated: Tue, 30 May 2017 01:46 AM (IST)
'ओल्ड ब्वायज' संवार रहे इविवि
'ओल्ड ब्वायज' संवार रहे इविवि

अमरीश शुक्ल, इलाहाबाद : जिस माटी से बढ़े, मुकाम पाया, उसको सलाम। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के पुरा छात्रों के संगठन एल्युमिनाई एसोसिएशन की पहल ऐसी ही है। संगठन ने 28 लाख रुपये का तोहफा संस्थान को दिया है। इस रकम से विभाग के लेक्चर थिएटर को अत्याधुनिक रूप दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय में यही एक मात्र ऐसा विभाग है जहां पुरा छात्रों का संगठन है।

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गौरवशाली अतीत समेटे पूरब के आक्सफोर्ड यानी इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय का खुद का कोई पुरा छात्र संगठन नहीं है। सिर्फ अर्थशास्त्र विभाग में पुरा छात्र संगठन की स्थापना विभाग के 100 वर्ष पूरे होने पर हुई थी। इस वर्ष को सेनेटेनरी वर्ष घोषित किया गया। वार्षिक सम्मेलन में आने वाले पुरा छात्रों ने संगठन बनाने की घोषणा की। पहले पुरा छात्र सम्मेलन 'अनुभव संगम' का आयोजन 14 फरवरी 2014 को किया गया। इसमें सौ पुरा छात्रों ने भाग लिया। उड़ीसा कृषि आयोग के पूर्व अध्यक्ष व पुरा छात्र प्रो. सुधाकर पंडा भी आए। उनके साथ शिष्य डॉ. एचआर खान, पूर्व डिप्टी गवर्नर रिजर्व बैंक भी थे। उन्होंने लेक्चर थिएटर की दयनीय दशा देखकर इसे आधुनिक बनाने की ख्वाहिश जताई। विभाग ने अर्थाभाव का हवाला दिया तो पुरा छात्र संगठन की तरफ से इसे अत्याधुनिक कराने की पहल सोची गई। डॉ. एचआर खान, प्रो. सुधाकर पंडा व आर्थिक एवं नीति विभाग अनुसंधान विभाग रिजर्व बैंक के निदेशक विनीत श्रीवास्तव के सहयोग से 28 लाख रुपये एकत्र हुए। मार्च 2017 में रुपये मिलने के बाद हॉल को अत्याधुनिक लेक्चर थिएटर के रूप में विकसित कर दिया गया है। अत्याधुनिक कुर्सियां लगी हुई हैं जिनमें राइटिंग पैड भी है। प्रोजेक्टर भी है। थियेटर में सौ लोगों के बैठने की क्षमता है।

आर्थिक एवं नीति विभाग अनुसंधान विभाग रिजर्व बैंक के निदेशक व 'एल्युमिनाई ऐसोसिएशन, डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स' के वाइस प्रेसिडेंट विनीत श्रीवास्तव ने जागरण को बताया कि पुरा छात्र विभाग की लाइब्रेरी को भी आर्थिक सहयोग देंगे। उन्होंने जागरण को बताया कि हम लोगों ने कई एवार्ड शुरू किए हैं। इनमें प्रो. पीसी जैन मेमोरिएल एवार्ड है। इसके तहत एमए करने के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में किसी एक गरीब बच्चे को पीएचडी करने के लिए स्कॉलरशिप दी जाएगी। एक और पुरा छात्र प्रो. जावेद अख्तर ने बताया कि विदेशों में विश्वविद्यालय अपने पुराने छात्रों के दान से ही अहम गतिविधियां संचालित करते हैं। ऐसे में यह सराहनीय पहल है। पुरा छात्र संगठन के अध्यक्ष व अर्थशास्त्र विभाग के हेड प्रो. मनमोहन कृष्ण के मुताबिक संगठन के देश दुनिया में लगभग 280 सदस्य हैं। सदस्यता शुल्क के रूप में सभी से एक हजार रुपये लिया जाता है।


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