अब हर अंत:वासी की बनेगी 'कुंडली'
जासं, इलाहाबाद : हाईकोर्ट की फटकार के बाद जागे इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब हर अंत:वासी की '
जासं, इलाहाबाद : हाईकोर्ट की फटकार के बाद जागे इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब हर अंत:वासी की 'कुंडली' बनाने का निर्णय लिया है। ऐसी कोई स्थिति फिर न आए इसके लिए यह कदम उठाया गया है। इस शैक्षिक सत्र से अब जिस भी छात्र को कक्ष एलॉट होगा उसकी कक्ष के साथ फोटो विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। हर एक कमरे और अंत:वासी की सूचना कोई भी कहीं से भी देख सकेगा। पुलिस विभाग को भी हॉस्टलों में कक्षों के आवंटियों की सारी जानकारी दी जाएगी, ताकि विवि में अराजकतत्वों की आवाजाही बंद की जा सके।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में गुरु शिष्य परंपरा का अपना इतिहास रहा है। इसमें दो दशक पहले गिरावट आनी शुरू हुई। धीरे-धीरे छात्रावासों में अराजकतत्वों ने डेरा जमा लिया। पठन-पाठन का माहौल बिगड़ने लगा। 90 के दशक में सबसे खराब माहौल ¨हदू छात्रावास का हो गया। यहां के कुछ छात्र आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गए। आए दिन बम और गोली चलने लगी। लिहाजा 1998 में बड़ी संख्या में फोर्स लगाकर छात्रावास खाली कराया गया। इसका काफी विरोध हुआ। इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी। कुछ छात्र कमरा मिलने के बाद छात्रावासों को ही अपना घर समझने लगे। लिहाजा ऐसे छात्र जिन्हें कक्ष नहीं मिल रहे थे उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। इसके बाद समय समय पर हाईकोर्ट ने छात्रावास नियमित खाली कराने का आदेश दिया। इसको लेकर कई बार ¨हसा भी हुई। इसमें विश्वविद्यालय की काफी किरकिरी हुई।
चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे ने बताया कि छात्र अधिष्ठाता कल्याण ऑफिस में बने कंट्रोल रूम में यह काम शुरू हो गया है। कमरों के आवंटन के बाद सभी छात्रों की डिटेल फोटो सहित वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। यह कार्य जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। इस डिटेल को पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी दिया जाएगा। हर शैक्षिक सत्र में कमरों के आवंटन के बाद इस डिटेल को अपडेट कर लिया जाएगा। इससे छात्रावासों में अवैध रूप से रह रहे छात्रों से निपटा जा सकेगा। इस काम से विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रावासों में अनुशासन बनाए रखने में काफी मदद मिलेगी।