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मोहे भा गया भगवा

रमेश यादव, इलाहाबाद : सूबे में योगी सरकार क्या बनी, भगवा रंग शरीर की शोभा बन गया। खासकर युवाओं में इ

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 01:00 AM (IST)
मोहे भा गया भगवा
मोहे भा गया भगवा

रमेश यादव, इलाहाबाद : सूबे में योगी सरकार क्या बनी, भगवा रंग शरीर की शोभा बन गया। खासकर युवाओं में इस रंग को लेकर अति उत्साह देखा जा रहा है। सिर पर भगवा पगड़ी, गले में भगवा गमछा। और तो और अब तो कुर्ता और कमीज भी भगवा रंग में रंगे हुए हैं। युवतियों में भी इसका क्रेज देखा जा रहा है। शादी जैसे समारोहों में भी भगवा रंग अपनी छाप छोड़ रहा है।

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प्रदेश में नई सरकार को बने अभी सवा महीना ही हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कई निर्णयों के बाद बदलाव भी नजर आ रहा है, पर सबसे ज्यादा जो चीज चकित कर रही है, वह है भगवा क्रेज। लोग भगवा रंग के कपड़े पहनने पर गर्व महसूस करने लगे हैं। बस चलाने वाला कंडक्टर हो या रिक्शा चालक। राजनेता हो या फिर पढ़ाई करने वाला युवक, हर किसी के गले में भगवा गमछा शोभायमान हो रहा है। युवा सबसे ज्यादा इस रंग की टी-शर्ट पहन रहे हैं। खोया मंडी में गमछे के थोक विक्रेता राजेश जायसवाल बताते हैं कि अब केवल भगवा रंग के गमछों की मांग है। सफेद रंग के गमछे न के बराबर बिक रहे हैं। सफेद गमछा 60-65 रुपये में बिक रहा है। भगवा रंग के गमछे का दाम 65-70 रुपये चल रहा है। भगवा गमछे की इतनी जबर्दस्त मांग है कि दुकानदारों के पास माल खत्म हो गया है। आर्डर लगाए गए हैं, लेकिन सप्लाई कमजोर होने के कारण माल पहुंच नहीं पा रहा है। चौक में कपड़ा विक्रेता अंकित बताते हैं कि भगवा रंग के कुर्ते, कुर्ती, टी-शर्ट, शर्ट की जबर्दस्त मांग है। 250 रुपये से लेकर 1200 रुपये के कुर्ते और कुर्ती बिक रही हैं। भगवा रंग की साड़ी से लेकर सदरी की भी जबर्दस्त मांग है। भगवा रंग का इतना खुमार चढ़ा हुआ है कि अब धागे भी इस रंग के बिक रहे हैं। काले रंग के धागे की मांग घट गई है। हाथ में पहनने वाले बैंड से लेकर टोपियों में यही रंग दिखाई दे रहा है।

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थोक बाजार में भी माल नहीं

शहर में खोया मंडी में गमछों का थोक बाजार है। वहां पर तमिलनाडु के इरोड, सेलम, कुमारपालम आदि जगहों से माल आता है। अचानक भगवा गमछों की बेतहाशा मांग बढ़े जाने से मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं हो पा रही है। खोया मंडी में लगभग 50 थोक विक्रेता हैं। बाहर से माल यहीं पर आता है। यहां से शहर और अन्य स्थानों के लिए सप्लाई होती है। गमछों की सप्लाई करने वाले राजेंद्र बताते हैं कि तमिलनाडु से मांग के मुताबिक माल नहीं आ पा रहा है। इसके कारण थोक बाजार में भी व्यापारियों के पास माल नहीं है।

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मांग से दाम में इजाफा

भगवा रंग के गमछों की जबर्दस्त मांग होने के कारण इसके दाम भी बढ़ गए हैं। सप्लाई न होने के कारण दुकानदार सफेद गमछे की तुलना में भगवा रंग के गमछे के लिए 10 रुपये अतिरिक्त तक वसूल रहे हैं। लोग इसका भुगतान भी कर रहे हैं। अभी तक भगवा रंग के कपड़ों की मांग सबसे ज्यादा सावन महीने में होती थी। छह महीने में जितना माल बिकता था। उससे ज्यादा माल एक महीने में बिक चुका है।


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