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'घर-घर डायरिया, बच्चों को बचाएं'

जासं, इलाहाबाद : इन दिनों मौसम सेहत के लिए और खासतौर से बच्चों के लिए खतरनाक है। डायरिया फैलने से अल

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 06:20 PM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 06:20 PM (IST)
'घर-घर डायरिया, बच्चों को बचाएं'
'घर-घर डायरिया, बच्चों को बचाएं'

जासं, इलाहाबाद : इन दिनों मौसम सेहत के लिए और खासतौर से बच्चों के लिए खतरनाक है। डायरिया फैलने से अलग-अलग स्थानों पर आधा दर्जन बच्चों की मौत हो चुकी है। बहुत से बच्चे अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें अधिकांश बच्चे ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। डाक्टरों का कहना है कि खान-पान में लापरवाही बरतने से डायरिया की बीमारी हो रही है।

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चिल्ड्रेन अस्पताल में 16, स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में 32, तेजबहादुर सप्रू चिकित्सालय में छह व मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय 'काल्विन' में आधा दर्जन बच्चे भर्ती हैं। इन्हें डायरिया है। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में 1265 डायरिया पीड़ित भर्ती हैं।

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लापरवाही पड़ रही भारी

डॉ. अर्पणधर दुबे बताते हैं कि तेज धूप एवं गर्मी के साथ दूषित खान-पान, दूषित पेयजल से डायरिया होता है। ज्यादा उल्टी-दस्त होने पर गुर्दा खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। कहा कि पेट में हर समय तेज दर्द होने, बार-बार दस्त होने, मन मिचलाने और खट्टी डकार आने पर बिना देर किए चिकित्सक को दिखाएं।

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इसका रखें ख्याल

-पानी उबालने और छानने के बाद ही पिएं।

-खुले में बिकने वाले कटे फल और गन्ने के जूस का सेवन न करें।

-ताजा एवं हल्का खाना खाएं।

-खीरा, ककड़ी, नीबू, पुदीना, दही, आम का पना एवं बेल के शर्बत का सेवन फायदेमंद होता है।

-फास्ट फूड व ज्यादा तेल-मसाला का उपयोग न करें।

-उल्टी-दस्त की दिक्कत होने पर बच्चों को जीवन रक्षक घोल (ओआरएस) पिलाएं।

-यदि घर में ओआरएस नहीं है तो पानी उबालकर उसमें नमक और चीनी मिलाकर पिलाएं।


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