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कर्जमाफी का डाटा देने में बैंक सुस्त

जासं, इलाहाबाद : योगी सरकार प्रदेश के सभी लघु और सीमांत किसानों का फसली ऋण माफ कर चुकी है। मगर बैंक

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Apr 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 22 Apr 2017 01:00 AM (IST)
कर्जमाफी का डाटा देने में बैंक सुस्त
कर्जमाफी का डाटा देने में बैंक सुस्त

जासं, इलाहाबाद : योगी सरकार प्रदेश के सभी लघु और सीमांत किसानों का फसली ऋण माफ कर चुकी है। मगर बैंक कर्जमाफी के अंतर्गत लाभ पाने वाले किसानों का डाटा अभी तक तैयार नहीं कर पाया है। स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी द्वारा डाटा मांगने पर लीड बैंक (बैंक ऑफ बड़ौदा) कई बार सभी बैंकों को ई-मेल कर चुका है लेकिन अब तक उसे डाटा नहीं मिल पाया है।

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प्रदेश सरकार द्वारा फसली ऋण माफ किए जाने के पश्चात बैंकों से डाटा मांगा गया था कि वह अपने-अपने बैंक का रिकार्ड दें कि कितने किसानों को कितना लाभ इसके अंतर्गत मिलेगा। बैंकों से जो जानकारिया मांगी गई उसमें बैंक का नाम, शाखा, आइएफएससी कोड, किसान का नाम, उसके पिता का नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक खाता संख्या, गांव, ब्लाक, जिला, लघु और सीमांत किसान के बारे में जानकारी मांगी है। यह भी जानकारी मांगी गई है कि 31 मार्च 2016 तक किसान ने कितना ऋण लिया था। वित्तीय वर्ष 2016-17 में कितना ऋण जमा किया। 31 मार्च 2017 को कितना ऋण किसान पर बकाया था। लीड बैंक (बैंक ऑफ बड़ौदा) के मैनेजर विजय शर्मा का कहना है कि स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी ने लघु और सीमांत किसानों का पूरा रिकार्ड मांगा है। इस संदर्भ में सभी बैंकों को कई बार ई-मेल भेजा जा चुका है। अभी तक डाटा नहीं मिल पाया है।

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जोन स्तर पर भी तैयार हो रहा डाटा

जनपद में बैंक ऑफ बड़ौदा, उप्र बड़ौदा ग्रामीण बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, यूको बैंक, विजया बैंक, देना बैंक, एचडीएफसी बैंक और आइओबी ने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड पर फसली ऋण दिया है। लीड बैंक द्वारा सभी बैंकों से किसानों का कर्जमाफी का डाटा मांगा गया है। इसके अलावा बैंकों के जोन स्तर पर भी डाटा तैयार करवाया जा रहा है। जिले में लगभग एक लाख से अधिक किसान कर्जमाफी के दायरे में आते हैं। डाटा तैयार होने पर यह स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि कितने किसानों को कितना लाभ कर्जमाफी से मिल पाएगा।

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ऑडिट के कारण पड़ रहा प्रभाव

फिलहाल सभी बैंकों में ऑडिट का काम चल रहा है। बैंकों का पूरा फोकस इस पर है। इसलिए कर्जमाफी का डाटा तैयार करने में बैंक अधिक ध्यान नहीं दे रहे हैं। बैंक अपनी समस्या रख चुके हैं। बैंक अधिकारियों की मानें तो मई माह में यह काम पूरा हो पाएगा। अभी बैंक कर्मी ऑडिट में व्यस्त चल रहे हैं।


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