निगम के लिए स्टे, औरों को वसूली का 'लाइसेंस'
प्रमोद यादव, इलाहाबाद : नगर निगम के लिए कोर्ट का स्टे जबकि और लोगों के लिए वसूली का जरिया। यह हाल है
प्रमोद यादव, इलाहाबाद : नगर निगम के लिए कोर्ट का स्टे जबकि और लोगों के लिए वसूली का जरिया। यह हाल है शहर भर में अवैध रूप से चल रहे टेंपो टैक्सी स्टैंड का। इनसे रोजाना लाखों रुपये की वसूली हो रही है लेकिन निगम के खाते में एक रुपये भी नहीं जा रहा। निगम ने अब इनके ठेके की प्रक्रिया की शुरुआत की तो उसे सन 2013 का स्टे आर्डर थमा दिया गया है। फिलहाल मामला रुका नहीं और प्रक्रिया जारी है।
शहरी क्षेत्र में पांच हजार से अधिक टेंपो टैक्सी चल रहे हैं। यह टेंपो कचेहरी रोड, स्टेशन के सामने, हनुमान मंदिर, अलोपीबाग चुंगी, रामबाग स्टेशन के पास, हर्षवर्धन चौराहा सहित कई स्टैंड से संचालित होते हैं। निगम के अफसरों की मानें तो यहां से चलने वाले टेंपो से दूसरे लोग वसूली कर रहे थे। इसलिए 2013 में ठेका करने की प्रक्रिया शुरू हुई तो कुछ लोग कोर्ट चले गए। तब कोर्ट से इस आधार पर स्टे हो गया कि निगम ने टेंपो स्टैंड पर नागरिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई। जैसे महिला टायलेट, यात्री शेड और पानी। कोर्ट से स्टे होने के बाद निगम के अफसर शांत हो गए लेकिन टेंपो स्टैंड से वसूली जारी रही। आज भी हर टेंपो से रोजाना 30 से 40 रुपये वसूली हो रही है। स्टेशन जाने वाले टेंपो से डीएसए ग्राउंड के सामने, कचेहरी जाने वाले टेंपो से पेट्रोल पंप के सामने, अल्लापुर चुंगी सहित सभी स्टैंड से वसूली के लिए दिनभर तीन से चार लोग डटे रहते हैं। टेंपो सरकारी जमीन पर खड़े हो रहे हैं लेकिन उसकी वसूली का पैसा कहीं सरकारी खाते में नहीं जा रहा है। इसलिए अब निगम ने फिर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की तो सोमवार की सुबह कुछ लोग प्रभारी अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार को पुराना स्टे आर्डर थमा दिए। उन्होंने कहा कि स्टैंड पर सुविधाएं उपलब्ध कराकर उसका ठेका किया जाएगा।
किसी को पैसे न दें टेंपो चालक
प्रभारी अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार ने कहा कि जब तक टेंपो टैक्सी स्टैंड का ठेका न हो जाए, तब तक कोई भी टेंपो, टैक्सी या मैजिक चालक किसी को पैसे न दें। उन्होंने कहा कि अगर कोई वसूली करता है उसकी शिकायत निगम के हेल्पलाइन नंबर 9119803080 पर कर सकते हैं। इसमें वसूली करते हुए वीडियो भी भेज सकते हैं। शिकायत मिलने पर अवैध वसूली करने वालों के खिलाफ मुकदमा कराया जाएगा।
पांच साल में नहीं बनवा पाए शौचालय, प्याऊ और यात्री शेड
इसे नगर निगम के अफसरों की नाकामी कहें या जानबूझकर अवैध वसूली को बढ़ावा देना, कि पांच साल में वह टेंपो स्टैंड पर महिला शौचालय, यात्री शेड और प्याऊ नहीं बनवा सके हैं। केवल निगम ही नहीं अन्य प्रशासनिक अफसरों के सामने यह खेल लंबे समय से चल रहा है। ऐसे में अफसरों की मिलीभगत भी प्रतीत होती है।