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'खोया-खोया चांद' में खोए रहे श्रोता

जागरण संवादाता, इलाहाबाद : उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में चल रहे राष्ट्रीय शिल्प मेला क

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 08:21 PM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 08:21 PM (IST)
'खोया-खोया चांद' में खोए रहे श्रोता
'खोया-खोया चांद' में खोए रहे श्रोता

जागरण संवादाता, इलाहाबाद : उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में चल रहे राष्ट्रीय शिल्प मेला की अंतिम शाम नृत्य-गायन की अद्भुत प्रस्तुतियों की गवाह बनी। 10वें दिन रविवार की शाम दूर-दूर से आए लोगों ने खिलौने, सजावटी समान, मिट्टी के बर्तन, कपड़ों की खरीदारी। जलेबी, चाट का स्वाद लिया। इसके बीच नामी कलाकारों ने भव्य प्रस्तुति देकर हर किसी का दिल जीत लिया। मो. रफी नाइट में कलाकारों ने ऐसी सुरीली बयार बहायी कि दर्शक थिरकने को मजबूर हो गए। भूपेंद्र शुक्ल ने 'खोया-खोया चांद' की मधुर प्रस्तुति कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। वहीं सत्येंद्र ने 'दिल की आवाज भी सुन' सुनाकर सबको गुनगुनाने का मौका दिया। केंद्र के निदेशक गौरव कृष्ण बंसल ने 'ओ दुनिया के रखवाले' सुनाया। जबकि स्मृति और भूपेंद्र ने 'दीवाना हुआ बादल' सुनाकर लोगों को आसमान की सैर करा दिया। जयपुर से आयीं मनीषा गुलियानी ने कथक नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति की। तबले की थाप के बीच हुए उनके नृत्य में घुंघरुओं की छम-छम से मंच गूंज उठा। दर्शकों ने ताली बजाकर खुशी का इजहार किया। भांगड़ा का जोशीला नृत्य अमरेंद्र सिंह ने प्रस्तुत कर सबको थिरकने पर मजबूर कर दिया। वेंकटेश का बोनालू और सुबोध परमानिक के पुरुलिया छऊ जैसे लोक, जनजातीय नृत्य की भव्य प्रस्तुति देख दर्शक मंत्रमुग्ध नजर आए।


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