लोककला व संस्कृति से जुड़े दर्शक
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : हर क्षेत्र की कोई न कोई कला व संस्कृति होती है। कहीं का नृत्य दिलों क
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : हर क्षेत्र की कोई न कोई कला व संस्कृति होती है। कहीं का नृत्य दिलों को जोड़ता है, कहीं के कलाकार गायन के जरिए ख्याति प्राप्त करते हैं। लेकिन विविध संस्कृतियों का समागम अगर एक मंच पर हो जाए तो उसकी छटा हर किसी को सम्मोहित कर लेती है। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में शुक्रवार की शाम कुछ ऐसा ही नजर आया। मौका था यहां चल रहे राष्ट्रीय शिल्प मेले की सांस्कृतिक संध्या का। मेला के आठवें दिन के कार्यक्रम की शुरुआत सुजाता सिंह के सुगम संगीत से हुई। उन्होंने सुरीली प्रस्तुति के जरिए श्रोताओं का दिल जीत लिया।
दयाराम यादव ने बिरहा के जरिए लोगों को गंवई संस्कृति से जोड़ा। उमर फारुख के भपंग वादन ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। जबकि उमेश कनौजिया का धोबिया नृत्य देखते ही बना। साथियों सहित अद्भुत नृत्य करके उन्होंने दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। जबकि आशा देवी का झूमर नृत्य व मदनलाल शर्मा का ब्रज का लोकनृत्य सबको खूब पसंद आया। सत्यप्रिया पलाई का गोटीपुआ नृत्य, किशन सिंह का उत्तराखंड लोकनृत्य एवं जेनमू सलाम ने छत्तीसगढ़ लोकनृत्य की भव्य प्रस्तुति की।
मुख्य अतिथि बीएसएनएल के महाप्रबंधक एमएम अग्निहोत्री ने कहा कि ऐसे आयोजन हमें भारत की विविध संस्कृतियों से जोड़ते हैं। केंद्र के निदेशक गौरवकृष्ण बंसल ने स्वागत किया।
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शिल्प मेला में आज
इलाहाबाद : राष्ट्रीय शिल्प मेला में शनिवार को कई प्रस्तुतियां होंगी। इसमें पुष्पा शुक्ला का भजन, किशन सिंह दानू का उत्तराखंड नृत्य, अमरेंद्र सिंह का भांगड़ा, वेंकटेश का बोनालू नृत्य व सुबोध का पुरुलिया छऊ नृत्य प्रस्तुत होगा।
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आज बहेगी भक्ति की बयार
इलाहाबाद : सेवा समिति गार्डन रामबाग में शनिवार की शाम भक्ति की बयार बहेगी। प्रयाग गौरव रत्न से सम्मानित सूर्यप्रकाश दुबे राधे-राधे रॉक बैंड के जरिए भक्ति गीतों की प्रस्तुति करेंगे, उनके साथ 15 कलाकारों की टीम होगी। कार्यक्रम का शुभारंभ न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि करेंगे। इनके अलावा बीएचयू के कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी, सांसद विनोद सोनकर, विधायक हर्षवर्धन बाजपेई, आरएएफ कमांडेंट दिनेश सिंह चंदेल, मीतू सिंह चंदेल आदि मौजूद रहेंगे।