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'..लहू की आखिरी बूंद ¨हदुस्तान बोलेगी'

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सांस्कृतिक उत्सव 'कलरव'

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 01:00 AM (IST)
'..लहू की आखिरी बूंद ¨हदुस्तान बोलेगी'
'..लहू की आखिरी बूंद ¨हदुस्तान बोलेगी'

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के सांस्कृतिक उत्सव 'कलरव' का शुक्रवार को शानदार आगाज हुआ। टेक्नोक्रेट्स ने सामाजिक कुरीतियों पर आधारित नौटंकी 'मेरा भारत महान' का मंचन किया। इसके जरिए भ्रष्टाचार, गंदगी, दहेज प्रथा जैसी बुराइयों पर कटाक्ष करते हुए उससे दूर रहने का संदेश दिया।

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कुछ छात्र-छात्राओं ने फिल्मी गीतों की मधुर प्रस्तुति की, जिसे सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। शाम को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन हुआ। इसमें नामी रचनाकारों ने शिरकत की। डॉ. श्लेष गौतम ने 'हमारा जिस्म बोलेगा हमारी जान बोलेगी-हमारे रूह की पाकीजगी की शान बोलेगी, वतन के वास्ते जब भी हमारा सिर कलम होगा-लहू की आखिरी वो बूँद हिन्दुस्तान बोलेगी' सुनाकर सबको देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया।

वहीं संदीप शर्मा ने 'मंदिर में पूजा करने जाओ पंडे ढंग के नहीं-मर केश्मशान जाओ कंडे ढंग के नहीं' सुनाया तो खूब ठहाके लगे। अध्यक्षता कर रहे कर्नल वीपी सिंह ने 'देश मिट्टी हवा पानी से बना है-देश पुरखों की कहानी से बना है' रचना के जरिए युवाओं को बड़े-बुजुर्गो का सम्मान करने का संदेश दिया। डॉ. विष्णु सक्सेना ने 'दिल की जमीं पर जब फसल यादों की बोओगे-जिसको जितना प्यार करोगे उतना रोओगे' सुनाया। वहीं डॉ. सरिता शर्मा ने 'सारी दुनिया से दूर हो जाऊं-तेरी आंखों का नूर हो जाऊं' सुनाकर वाहवाही लूटी। मनवीर मधुर ने 'अंकुश लगा नहीं विदेशी सभ्यता पे यदि, जो भी कुछ शेष वो विशेष मिट जाएगा-हम ही युवा हैं इस देश का भविष्य यदि, हम ही मिटे तो सारा देश मिट जायेगा' सुनाकर तालियां बटोरीं।

मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम सामाजिक सौहार्द कायम करते हैं। टेक्नोक्रेट्स का साहित्य से जुड़ना भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। निदेशक राजीव त्रिपाठी ने आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला। स्वागत डॉ. राजेश गुप्त ने किया। इस दौरान प्रो. एनके सिंह, प्रो. आरके सिंह, डॉ. कुमार पल्लवन मौजूद रहे।


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