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'तेरो चाकर करे पुकार भवानी वेग पधारो न'

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में चल रहे राष्ट्रीय शिल्प मेला

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 01:00 AM (IST)
'तेरो चाकर करे पुकार भवानी वेग पधारो न'
'तेरो चाकर करे पुकार भवानी वेग पधारो न'

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में चल रहे राष्ट्रीय शिल्प मेला में सुर-ताल का अद्भुत समागम हो रहा है। दूर-दराज से आए कलाकार नृत्य के जरिए दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर रहे हैं। वहीं सुरीले गीतों के जरिए लोगों को अपनी कला व संस्कृति से जोड़ रहे हैं।

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मेला के सातवें दिन गुरुवार की शाम कुछ ऐसी ही प्रस्तुतियां हुई। प्रो. स्मिता अग्रवाल ने मा भवानी का आह्वान करते हुए 'तेरो चाकर करे पुकार भवानी वेग पधारो न' भजन की सुरीली प्रस्तुति की। वहीं नृत्यागना वर्षा मिश्रा ने कथक की अभूतपूर्व प्रस्तुति की। उन्होंने वाद्ययंत्रों से अद्भुत सामंजस्य बैठाकर जोशीले नृत्य की प्रस्तुति की तो दर्शक ताली बजाने को मजबूर हो गए। नागौर (राजस्थान) से आए हजारी लाल ने मांड गायन के जरिए लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ा। वर्षा मिश्रा का बैले नृत्य सबको खूब भाया। उमेश कनौजिया ने धोबिया नृत्य के जरिए अपने क्षेत्र की खासियत से लोगों को जोड़ा। जबकि आशा देवी का झूमर लोकनृत्य सबको खूब भाया। रंग-बिरंगे परिधान में सजे कलाकार मंच पर थिरके तो उनकी छटा देखते ही बनी। मदन लाल शर्मा ने ब्रज की फूलों की होली की प्रस्तुति कर माहौल होलीमय कर दिया। इसके पहले न्यायमूर्ति अरुण अग्रवाल ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। केंद्र के निदेशक गौरवकृष्ण बंसल ने मेला की खासियत पर प्रकाश डाला। संचालन डॉ. आभा श्रीवास्तव ने किया।

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हर स्टाल में जुट रही भीड़

इलाहाबाद : राष्ट्रीय शिल्प मेला में लगे कपड़े, खिलौने, सजावटी सामान लोगों को लुभा रहे हैं। गृहणियों की भीड़ हर स्टाल पर जुट रही है। कोई टेराकोटा का तवा खरीदती दिखीं तो कोई अन्य घरेलू साजो-सामान ले रही हैं। कुछ गृहणियों को राजस्थानी जूती भा रही है। किसी को दिल्ली के झुमके पसंद आ रहे हैं।

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शिल्प मेला में आज

इलाहाबाद : राष्ट्रीय शिल्प मेला की सांस्कृतिक संध्या में शुक्रवार को अनेक प्रस्तुतियां होंगी। इसमें सुजाता सिंह का सुगम संगीत, दयाराम यादव का बिरहा, उमर फारुख का भपंग वादन, उमेश कनौजिया का धोबिया नृत्य, आशा देवी का झूमर नृत्य, मदनलाल शर्मा का ब्रज का लोकनृत्य, सत्यप्रिया पलाई का गोटीपुआ नृत्य, किशन सिंह का उत्तराखंड लोकनृत्य एवं जेनमू सलाम का छत्तीसगढ़ का लोकनृत्य प्रस्तुत होगा।


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