दवाओं पर 'विजिलेंस' की पैनी नजर
शरद द्विवेदी, इलाहाबाद : दवा खाने से अगर आपको फायदा नहीं हो रहा है, बीमारी में सुधार की बजाय दवा
शरद द्विवेदी, इलाहाबाद :
दवा खाने से अगर आपको फायदा नहीं हो रहा है, बीमारी में सुधार की बजाय दवा का साइड एफेक्ट (दुष्प्रभाव) नजर आ रहा है तो परेशान न हों। आप इसकी शिकायत फार्माको विजिलेंस से करें। विजिलेंस अस्पतालों में आपरेशन, खून चढ़ाने, टीकाकरण, दवाओं के इस्तेमाल के दुष्प्रभावों की रिपोर्ट नियमित रूप से स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजेगी। मंत्रालय उसकी जांच करेगा, जरूरत पड़ने पर संबंधित दवा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
दवाओं की जांच के लिए मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के फार्माकोलॉजी विभाग में फार्माको विजिलेंस यूनिट बनाई गई है। इसमें डॉ. वीरेंद्र सिंह व डॉ. राकेश चौरसिया शामिल हैं। जो सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली दवाओं की जांच कर मरीजों पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगा रहे हैं। वह अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय के इंडियन फार्माकोपिया कमीशन भेजते हैं। वहां से रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन को भेजी जाती है। जाच में यदि दवाओं में दोष मिला तो दवा या उसके सॉल्ट के दुष्प्रभाव को लेकर कंपनी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। कंपनी विदेशी है तो उस पर भी कार्रवाई हो सकती है।
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इन नंबरों पर करें शिकायत
अगर आप दवाओं के दुष्प्रभाव की शिकायत करना चाहते हैं तो उसे टोल फ्री नंबर 18001803024 पर कर सकते हैं। इसके अलावा 0532-2256005 पर सुबह नौ से शाम पांच बजे तक शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। जबकि ई मेल-ड्डद्वष्.द्वद्यठ्ठद्वष्@द्दद्वड्डद्बद्य.ष्श्रद्व या श्च1श्चद्ब.द्बश्चष्द्बठ्ठस्त्रद्बड्ड@द्दद्वड्डद्बद्य.ष्श्रद्व पर शिकायत करें।
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सामने आए चौंकाने वाले नतीजे
अभी तक हुई जांच में दवाओं के दुष्प्रभाव के चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। कई ऐसी दवाएं हैं जिसका सेवन करने से मरीजों को फायदा के बजाय नुकसान हुआ।
-मिर्गी के मरीजों को थीनीयोटियन दवा देने से मसूढ़ों में सूजन की समस्या आ गई।
-एचआइवी के मरीजों को जीडोबुडिम के इस्तेमाल से होमोग्लोबिन की मात्र कम हुई। -बच्चों में मिर्गी की शिकायत पर कारबामेजपिन से शरीर में लाल निशान होने लगे।
-पेट के कीड़े मारने की दवा से कुछ शरीर में दाने, खुजली हुई।
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दवाओं की जांच के लिए फार्माको विजिलेंस सक्रिय है। कोई भी व्यक्ति उनसे शिकायत कर दवाओं की जांच करा सकता है।
-डॉ. एसपी सिंह, प्राचार्य मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज।