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¨हदू नववर्ष से राम मंदिर की निर्णायक लड़ाई

जासं, इलाहाबाद : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का इंतजार लंबा खिंच गया है। अब ¨हदू जनमानस का धैर्

By Edited By: Published: Tue, 24 Jan 2017 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2017 07:22 PM (IST)
¨हदू नववर्ष से राम मंदिर की निर्णायक लड़ाई
¨हदू नववर्ष से राम मंदिर की निर्णायक लड़ाई

जासं, इलाहाबाद : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का इंतजार लंबा खिंच गया है। अब ¨हदू जनमानस का धैर्य टूटता जा रहा है। इसलिए चैत्र वर्ष प्रतिपदा से राम मंदिर के लिए निर्णायक लड़ाई शुरू कर दी जाएगी। विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में यह हुंकार रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने भरी। बैठक में पांच प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।

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मंगलवार को दोपहर करीब तीन बजे संगम किनारे विहिप के शिविर में हुई इस बैठक के दौरान पांच प्रस्ताव पारित किए गए, लेकिन रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मुद्दा ही छाया रहा। अधिकांश संतों ने कहा कि इसके लिए कोर्ट का निर्णय जल्द आना चाहिए और संसद में कानून बनाया जाना चाहिए। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि अखाड़ा परिषद विहिप के साथ है। राम मंदिर के लिए पूरे देश में जनजागरण किया जाना चाहिए ताकि संसद में कानून बनाया जा सके। उन्होंने मठ मंदिरों के अधिग्रहण पर भी रोक लगाने और उससे संबंधित प्रस्ताव का समर्थन किया। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि संत समाज सरकार पर आश्रित नहीं है, राम मंदिर का निर्माण ईश्वरीय कार्य है। नए वर्ष में भव्य मंदिर का निर्माण तय है।

बैठक में स्वामी श्यामदेवाचार्य, स्वामी गोपाल जी सच्चा बाबा, महंत डॉ. रामेश्वर दास, गुरु कर्मा आचार्य, अंजनेशानंद, रामरतन दास फलाहारी बाबा, महंत तितेंद्र दास, डॉ. सुनील, डॉ. नरसिंह दास, डॉ. जीभन नाथ, विहिप के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री चंपतराय, दिनेश, जीवेश्वर मिश्र, राजेंद्र पंकज, अशोक सिंह, मुकेश, शंभू और अश्वनी मिश्र आदि मौजूद थे।

मार्गदर्शक मंडल के पांच प्रस्ताव

- राम मंदिर निर्माण का निर्णय आए और कानून बने।

- गोहत्या पर रोक लगाने का कानून बने।

- गंगा की निर्मलता बनाए रखी जाए।

- सामाजिक समरसता कायम हो।

- देश में समान नागरिक संहिता लागू हो।


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