कलेक्ट्रेट में पेड़ काटने की शिकायत आयोग से
जासं, इलाहाबाद : कलेक्ट्रेट स्थित कोषागार के सामने पेड़ों को बचाने के लिए अधिवक्ताओं ने पहल की है।
जासं, इलाहाबाद : कलेक्ट्रेट स्थित कोषागार के सामने पेड़ों को बचाने के लिए अधिवक्ताओं ने पहल की है। पेड़ों को कटने से बचाने के लिए वकीलों ने जानकारी डीएम से लेकर निर्वाचन आयोग तक को भेजी है। पत्र में यह भी बताया कि एक दिन पहले जो बरगद का पेड़ गिरा उसे भी जानबूझ कर गिराया गया।
जिला कचहरी के अधिवक्ता प्रदीप श्रीवास्तव ने इस मामले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजा है। जिसमें 20 से अधिक अधिवक्ताओं ने हस्ताक्षर किए हैं। अधिवक्ता का आरोप है कि कोषाधिकारी कार्यालय के सामने बन रहे भवन के कारण बरगद के पेड़ के पास गड्ढा खोद कर उसे गिराया गया है। जबकि वहां अन्य हरे भरे पेड़ों को काटने का प्रयास भी किया जा रहा है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि सभी पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग से ली गई है, लेकिन अधिवक्ताओं का कहना है कि यह अनुमति गलत तरीके से जारी की गई है। अधिवक्ता प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि पेड़ पर्यावरण संरक्षण के लिए होते हैं। इन पेड़ों की वजह से राहगीरों को छांव मिलती है, केवल बिल्डिंग दिखाने के लिए इस तरह पेड़ों को काटना उचित नहीं है। अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी से भी शिकायत की और एडीएम सिटी से मुलाकात कर भी इसे रोकने की मांग की। एडीएम सिटी व आचार संहिता प्रभारी पुनीत शुक्ला ने बताया कि पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग ने जारी की है। पेड़ों की दशा ठीक नहीं होने के कारण अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि ये पेड़ भवनों की दीवारों को क्षतिग्रस्त भी कर रहे थे।