800 दिव्यांगों को पेंशन की दरकार
जासं, इलाहाबाद : जिले में विकलांग पेंशन को लेकर मारामारी मची हुई है। करीब आठ सौ आवेदन अभी विचाराधीन
जासं, इलाहाबाद : जिले में विकलांग पेंशन को लेकर मारामारी मची हुई है। करीब आठ सौ आवेदन अभी विचाराधीन है। आवेदक सरकारी कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन वहां से उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिल रहा। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि दिव्यांगों को सुविधा देने के मामले में इलाहाबाद अन्य जिलों से काफी आगे है। इसके लिए सरकार द्वारा जिले को पुरस्कृत भी किया जा चुका है।
शासन ने दिव्यांग पात्रता की सीमा 40 फीसद तय की है। इसको लेकर भी लोगों में नाराजगी है। जिनकी एक आंख खराब है, उनका प्रमाण पत्र इसलिए नहीं बनाया जा रहा है क्योंकि उनको एक आंख से दिखाई पड़ता है। अधिकारियों की मानें तो एक आंख की दिव्यांगता 30 फीसद ही मानी जाती है। ऐसे तमाम दिव्यांग रोज विकास भवन व सीएमओ कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। इसी क्रम में अभी तक 19700 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है जिन्हें पेंशन दी जा रही है। इसके बाद भी 800 दिव्यांग कतार में है जिन्हें पेंशन का इंतजार है।
अधिकारी कहते हैं कि इनके आवेदन लखनऊ भेजे गए हैं जहां से 200 प्रार्थनापत्र स्वीकार किए जाने की बात कही जा रही है। हालांकि बाकी बचे 600 आवेदकों के बारे में उनका कहना है कि बजट के हिसाब से लाभार्थियों का चयन किया जा रहा है। दिव्यांग विकास भवन का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें पेंशन कब मिलेगी, यह बजट पर निर्भर है। जिला विकलांग कल्याण अधिकारी विनीता यादव बताती हैं कि दिव्यांगों की हर संभव मदद की जा रही है। पिछले दिनों परेड मैदान पर आयोजित कार्यक्रम में पांच हजार से ज्यादा दिव्यांगों को उपकरण बांटे गए जो अपने आप में एक रिकार्ड है। कहाकि दो सौ और दिव्यांगों को जल्द ही पेंशन मिलने लगेगी। उनकी मानें तो जिले में दिव्यांगों को चिन्हित किया जा रहा है। शासन उनके लिए मुफ्त में स्वच्छ शौचालय का निर्माण कराएगा।