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देशवासी कैशलेस, सत्ताधारी कैश से लैस: मोहित

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : केंद्र सरकार ने कालेधन पर रोक के नाम पर पूरे देश में हाहाकार की स्थिति

By Edited By: Published: Mon, 05 Dec 2016 08:44 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2016 08:44 PM (IST)
देशवासी कैशलेस, सत्ताधारी कैश से लैस: मोहित

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : केंद्र सरकार ने कालेधन पर रोक के नाम पर पूरे देश में हाहाकार की स्थिति पैदा कर दी है, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के नेता कैश से लैस हैं। देशवासियों को कैशलेस होने का पाठ पढ़ाया जा रहा है। नोट बंदी के कारण लोग घुट-घुट कर मर रहे हैं।

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यह बातें आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) 'देश में बढ़ते सांप्रदायिक व जातिवादी हमले के संदर्भ में डा. अंबेडकर की प्रासंगिकता ' विषयक सेमिनार में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित पांडेय ने सोमवार को कहीं। जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष का यह भी कहना था कि भाजपा परिवर्तन यात्राओं के जरिए परिवर्तन की बात कर रही है, लेकिन इनके परिवर्तन में नजीब कहां है? रोहित वेमुला के मामले में आज भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। निराला सभागार में जुटे छात्रनेताओं और बौद्धिक जनों ने वर्तमान सरकार की नीतियों को दमनकारी बताते हुए जमकर कटाक्ष किया। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व महासचिव रामनागा का कहना था कि आज देश में ऐसी सरकार है जो सवाल पूछने वालों को देशद्रोही बता देती है। उन्होंने पूछा कि सरकार की आलोचना देश की आलोचना कैसे मानी जा सकती है। जनमत के प्रधान संपादक रामजी राय ने बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर को उद्धत करते हुए कहा कि 'हम अंतर्विरोधों से भरे ऐसे युग में प्रवेश करने जा रहे हैं जहां हम राजनैतिक समानता अर्थात एक व्यक्ति-एक मत तो प्राप्त कर लेंगे लेकिन सामाजिक जीवन में एक व्यक्ति एक मूल्य को नकारना जारी रखेंगे।' आइसा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामायन राम का कहना था कि अंबेडकर-पेरियार स्टडी सर्किल पर रोक लगाकर सरकार ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है। अब जल्द ही कैंपस में अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला होगा। बीएचयू, हैदराबाद, एफटीआइआइ में वह बखूबी दिखा है। संचालन सुनील मौर्य ने किया। आइसा इविवि इकाई अध्यक्ष रणविजय सिंह ने धन्यवाद जताया। आइसा प्रदेश अध्यक्ष अंतस सर्वानंद, इलाहाबाद जिला संयोजक विष्णु प्रभाकर, इकाई उपाध्यक्ष मानविका शिवहरे, इकाई सचिव शक्ति रजवार, सह-सचिव मनीष पाण्डेय व रणविजय भीम, सुभाष कुशवाहा, प्रदीप कुमार, यश सिंह, चन्दन गुप्ता, शहवाज मालिक की मौजूदगी उल्लेखनीय रही।

नहीं मिला छात्रसंघ भवन

आइसा पदाधिकारियों में इस बात पर भी नाराजगी रही कि सेमिनार के लिए छात्रसंघ भवन नहीं मिल सका। पदाधिकारियों का कहना है कि अभाविप से जुड़े छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र के रवैये से आइसा को आयोजन निराला सभागार में कराना पड़ा, हालांकि 20 नवंबर को ही आइसा ने छात्रसंघ भवन की बुकिंग कर ली गई थी। पदाधिकारियों के मुताबिक अभाविप से जुड़े छात्रों व छात्रसंघ अध्यक्ष के सामने डीएसडब्ल्यू व अनुशासन अधिकारी ने घुटने टेक दिए हैं।


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