1432 बीघे में बसेगा तंबुओं का शहर
प्रमोद यादव, इलाहाबाद : गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के दोनों किनारों पर इस बार 1432 बीघे में माघ म
प्रमोद यादव, इलाहाबाद : गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के दोनों किनारों पर इस बार 1432 बीघे में माघ मेला बसाया जाएगा। तंबुओं का शहर बसाने की तैयारी तेज हो गई है। श्रद्धालुओं को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई विभाग डट गए हैं। पुल, सड़क, नल, शौचालय, तंबू आदि लगाए जा रहे हैं। दिसंबर तक लगभग सभी निर्माण पूरे कर लिए जाएंगे और जनवरी के पहले हफ्ते में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाएगा।
12 जनवरी को पहला गंगा स्नान है। इससे पहले गंगा के दोनों किनारों तंबुओं का शहर बसा दिया जाएगा। मेले के लिए लोक निर्माण विभाग पांटून के पांच पुल बना रहा है। वहीं चकर्ड प्लेट की करीब सौ किलोमीटर सड़क बना रहा है। लोनिवि के अधिशासी अभियंता डा. हंसराज यादव ने बताया कि यह काम 15 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। वहीं बिजली और पानी पहुंचाने के लिए बिजली विभाग और जल निगम की टीम काम कर रही है। प्रभारी मेला अधिकारी आशीष मिश्रा ने बताया कि मेला बसाने का काम तेली से चल रहा है। इस बीच कटान भी हो रहा है, फिर भी करीब 1432 बीघे में मेला बसाया जाएगा।
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सुविधाओं के लिए नहीं भटकेंगे श्रद्धालु
मेला अधिकारी ने बताया कि छह दिसंबर से कल्पवासियों और संस्थाओं के लिए जमीन वितरण का काम शुरू हो जाएगा। दावा किया कि इस बार जमीन वितरण में गड़बड़ी नहीं हो पाएगी। छह से 25 दिसंबर तक जमीनें बांटी जाएगी। मेले को पांच सेक्टर में बांटा गया है। हर सेक्टर में दो-दो अधिकारी तैनात रहेंगे।
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माघ मेले के लिए मिला 30.5 करोड़
माघ मेला कराने के लिए जिला प्रशासन ने प्रदेश सरकार से 70 करोड़ 50 लाख छह हजार रुपये मांगा गया था। इस बजट के सापेक्ष प्रदेश सरकार ने अभी 30 करोड़ 54 लाख 16 हजार रुपये दिया है। बजट कम आने पर विभागों को खर्चे में कटौती करने को कहा गया है। फिलहाल मेला बजट की यह पहली किस्त है। आगे और बजट आएगा।