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'पंचदीप पर्व' पर धन-धान्य से भरेगी झोली

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सुख, शांति व समृद्धि का प्रतीक पंचदीप पर्व कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी

By Edited By: Published: Mon, 24 Oct 2016 07:52 PM (IST)Updated: Mon, 24 Oct 2016 07:52 PM (IST)
'पंचदीप पर्व' पर धन-धान्य से भरेगी झोली

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : सुख, शांति व समृद्धि का प्रतीक पंचदीप पर्व कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस से आरंभ हो रहा है। शुक्रवार से शुरू हो रहा पंचदीप पर्व एक नवंबर भइया दूज तक चलेगा। पर्व के आरंभ धनतेरस पर भद्रा की काली छाया भी रहेगी, बावजूद इसके हर दिन ग्रह-नक्षत्रों के अद्भुत संयोग से सच्चे हृदय से आराध्य का पूजन, स्मरण करने से साधकों पर देवताओं की कृपा बरसेगी, उनकी झोली धन, धान्य से भर जाएगी।

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ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि त्रयोदशी तिथि पर शुक्रवार को हस्त नक्षत्र, वैधृति योग का अनूठा संयोग है। शाम 6.17 बजे से भद्रा लग जाएगी, जो शुक्रवार की सुबह 7.05 बजे तक रहेगी। भद्रा लगने पर खरीदारी नहीं करना चाहिए। पूजन व खरीदारी का उत्तम समय दिन में 3.39 से 5.07 बजे तक है। इस दौरान मीन लग्न का संचरण होगा, जिस पर मीन राशि से गुरु की पूर्ण दृष्टि रहेगी। इस समयावधि में खरीदारी व पूजन करने से अक्षय की प्राप्ति होगी। शाम को यम के लिए दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।

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कष्ट हरेंगे संकटमोचन

इलाहाबाद : पंचदीप पर्व के दूसरे दिन शनिवार को नरक चतुर्दशी पर हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसी दिन महाकाली की पूजा की जाती है। ज्योतिर्विद आशुतोष वाष्र्णेय बताते हैं कि चौमुखी दीपदान करने से यम के भय से मुक्ति मिलेगी। सुंदरकांड, बजरंग बाण, हनुमत रक्षा, हनुमान चालीसा का पाठ करके उनकी प्रतिमा पर देशी घी में सिंदूर मिलाकर लगाने से हर कष्ट दूर होंगे।

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रात 9.45 बजे तक ही लक्ष्मी पूजन

इलाहाबाद : संपन्नता व समृद्धि का पर्व दीपावली रविवार को मनाया जाएगा। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि सुबह 9.04 बजे के बाद स्वाति नक्षत्र रहेगा। जबकि प्रीति योग रात 10.47 बजे एवं नाग करण रात 9.47 बजे तक रहेगा। इसमें सबसे अहम है अमावस्या तिथि जो रात 9.45 बजे तक रहेगी। इसके बाद प्रतिप्रदा तिथि लगेगी। लक्ष्मी पूजन अमावस्या तिथि में ही होना चाहिए, प्रतिप्रदा में नहीं। बताया कि रविवार को तुला राशि में सूर्य, बुध व चंद्रमा का संचरण होगा। सूर्य जगत की आत्मा, चंद्रमा मन व बुध बुद्धि के कारक हैं। जबकि तुला राशि राजत्व की प्रतीक। इस दिन श्रीसूक्त, सहस्त्रनाम, गजेंद्रमोक्ष का पाठ करने से साधक की हर कामना पूरी होगी।

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दूर होगा अकाल मृत्यु का भय

इलाहाबाद : पंचदीप पर्व के चौथे दिन 31 अक्टूबर सोमवार को अन्नकूट यानी गोवर्धन पूजा का पर्व मनेगा। स्वाति नक्षत्र दिन में 11.37 तक है। इसके बाद विशाखा नक्षत्र लगेगा व आयुष्मान योग हर मनोकामना की पूर्ति करेगा। इसमें गाय के गोबर से पहाड़ बनाकर पूजन करने से भक्तों पर देवकृपा की वर्षा होगी। जबकि अंतिम दिन मंगलवार को यम द्वितीया अर्थात भइया दूज का पर्व मनेगा। विशाखा नक्षत्र दिन में 2.12 तक है। फिर अनुराधा नक्षत्र लगेगा। जबकि सौभाग्य योग हर कामना पूर्ण करेगा। इस दिन यमुना में स्नान करके बहन भाई की बलाए उतारती है, इससे उन्हें अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है।

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प्रतिदिन करें दीपदान

ज्योतिर्विद आचार्य अविनाश राय बताते हैं कि पंचदीप पर्व में प्रतिदिन दीपदान का महत्व है। घर के अंदर व दरवाजे पर चार खाने वाले घी का दीपक जलाने से दरिद्रता दूर होने के साथ लक्ष्मी का आगमन होता है। साथ ही साधक को अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है।

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पंचदीप पर्व की स्थिति

-28 अक्टूबर : धनतेरस।

-29 अक्टूबर : हनुमान जयंती (नरक चतुदर्शी)।

-30 अक्टूबर : दीपावली।

-31 अक्टूबर : गोवर्धन पूजा (अन्नकूट)।

-एक नवंबर : भइया दूज।


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