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दक्षता भाषण में दिखा, 'किसमें कितना है दम'

जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ भवन की ऐतिहासिक प्राचीर से बुधवार को छात्रसंघ क

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 08:45 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 08:45 PM (IST)
दक्षता भाषण में दिखा, 'किसमें कितना है दम'

जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ भवन की ऐतिहासिक प्राचीर से बुधवार को छात्रसंघ के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी खूब गरजे। चुनाव के लिए अपने आपको को सबसे उपयुक्त बताने की हर संभव कोशिश की। विश्वविद्यालय और छात्रहित में वादों की झड़ी लगा दी। किसी ने विश्वविद्यालय की तस्वीर बदलने की बात कही तो किसी ने छात्रहित को अपने जीवन में सर्वोपरि बताया। इस दौरान दक्षता भाषण सुनने के लिए इकट्ठा हुए छात्रों ने कई बार हूटिंग और हुल्ड़बाजी की। जिसके चलते स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती दिखी।

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दक्षता भाषण को लेकर अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों में गजब की होड़ दिखी। सबसे पहले समाजवादी छात्र सभा के प्रत्याशी अजीत यादव ने अपनी बात विश्वविद्यालय छात्रसंघ के गौरवमयी इतिहास से शुरू की। साथ ही छात्र राजनीति की स्वर्णिम परंपरा को आगे कायम रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जतायी। एनएसयूआइ के अमित कुमार सिंह ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल पर चोट करते हुए कहा कि यह कभी आइएएस की फैक्ट्री कहलाता था लेकिन अब यहां की व्यवस्था दिशाहीन हो चुकी हैं। कहा कि अब यहां पर धर्म, जाति और परिवार की राजनीति हो रही है। उनका प्रयास रहेगा कि कैंपस में छात्रहित का काम हो सके। अध्यक्ष पद के स्वतंत्र प्रत्याशी आनंद कुमार दुबे ने विश्वविद्यालय की शैक्षिक गतिविधियों को निरंतर आगे बढ़ाने पर बल दिया। स्वतंत्र प्रत्याशी अनीस यादव ने विश्वविद्यालय की राजनीति को दिशाहीन बताते हुए कहा कि इस पटल से वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे को आवाज देंगे, याद दिलाया कि कभी यहीं से देश की राजनीति को दिशा मिलती थी। प्रतियोगी छात्रसभा के अतुल नारायण सिंह ने भी कैंपस में कक्षाओं को हाईटेक बनाने, सुविधाओं को डिजिटलाइज्ड करने जैसी प्राथमिकताएं गिनाईं। अध्यक्ष पद के एक अन्य स्वतंत्र उम्मीदवार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने भी अपने प्रतिद्वंदियों को करारा जवाब देते हुए यह बताने की पुरजोर कोशिश की कि किस हद तक बिगड़ चुके कैंपस के असुरक्षित माहौल को वे पुन: ठीक करेंगे। एबीवीपी के रोहित मिश्र ने भी कैंपस की समस्याओं के निस्तारण में पूरी ताकत झोंक देने का दावा किया। दावे और प्राथमिकताओं को गिनाने की इस होड़ के बीच आइसा के सत्येंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय में छात्रों की सुविधाओं को बढ़ाने पर बल दिया। आजाद भारत कांग्रेस समर्पित प्रत्याशी शमून अहमद अंसारी ने कहा कि किसी समस्या का हल राजनीति से नहीं होता, इसके लिए सार्थक प्रयास की जरूरत है। इन प्रत्याशियों के उदबोधन के दौरान मौजूद छात्रों ले अपने समर्थक प्रत्याशियों के भाषण पर तालियां बजाकर माहौल बनाने का प्रयास किया। जबकि विरोधी गुट के लिए हूटिंग करने से भी बाज न आते।

जबकि इन अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों से पहले उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों ने प्राचीर से सैकड़ों छात्रों को संबोधित किया। स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) के अभय सरोज ने विश्वविद्यालय के खराब होते माहौल पर चिंता जताई। समाजवादी छात्रसभा (सक्षास) से आदिल हमजा ने कैंपस में छात्रों की आवाज को दबाये जाने को गलत बताया। दावा किया कि उपाध्यक्ष चुने जाने पर वह छात्र हित में काम करते रहेंगे। एबीवीपी के अवनीश कुमार राय ने विश्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल में निरंतर गिरावट को दुखद बताया। दावा किया कि शिक्षण प्रशिक्षण सही रहे, इसके लिए वह विशेष व्यवस्था सुनिश्चित कराने की कोशिश करेंगे। आइसा के सुभाष चंद्र कुशवाहा ने भी छात्रसंघ के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। एनएसयूआइ के सूरजभान सिंह ने भी अपनी कई प्राथमिकताएं गिनाईं। दावा किया कि उपाध्यक्ष होने पर उनकी प्राथमिकता छात्रों की सुविधाओं में बढ़ोतरी कराना है। जोश-खरोश के बीच स्वतंत्र प्रत्याशी विश्वदीप शुक्ल ने भी अपनी आवाज मुखर की। उन्होंने छात्रों के बीच यह संदेश दिया कि उपाध्यक्ष होने पर वह किस तरह धर्म जाति से परे छात्रों के उत्थान के लिए काम करेंगे। वहीं स्वतंत्र प्रत्याशी विवेक कुमार यादव ने भी अपने दावे और प्राथमिकताएं गिनाईं। किस तरह परिसर में अधिकारों के हनन को रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देंगे।

शांतिपूर्ण हो चुनाव

दक्षता भाषण के अंत में निर्वाचन अधिकारी प्रो. आरके सिंह ने लिंगदोह कमेटी का हवाला देते हुए चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने की बात कही। संचालन डा. हौसला सिंह ने किया। कार्यक्रम में इविवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे, केके राय, संजय तिवारी, कृष्णमूर्ति सिंह यादव, भूपेंद्र सिंह एवं ऋचा सिंह आदि शामिल रहे।


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