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नियम ताक पर रख दो कर्मचारियों की तैनाती

रमेश यादव, इलाहाबाद : वाणिज्यकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 ने नियम को ताक पर रखकर दो कर्मचारियो

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 08:25 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 08:25 PM (IST)
नियम ताक पर रख दो कर्मचारियों की तैनाती

रमेश यादव, इलाहाबाद : वाणिज्यकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 ने नियम को ताक पर रखकर दो कर्मचारियों की तैनाती सचल दल में कर दी। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में की गई है। मामला सीएमओ तक पहुंचने पर एडिश्नल कमिश्नर (प्रशासन) लखनऊ ने एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 से इसकी आख्या मांगी है।

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केस-1

एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 ने 30 अगस्त को एक वरिष्ठ सहायक की तैनाती पुन: सचल दल कार्यालय में कर दी। वह वरिष्ठ सहायक वित्त वर्ष 2015-16 में सचल दल में तैनात थे। सचल दल में यह तैनाती स्थानांतरण नीति के विरुद्ध है। नियम अनुसार किसी भी कार्मिक या अधिकारी की सचल दल में तैनाती एक वर्ष के लिए ही निर्धारित होती है। किसी भी हाल में वहां पर लगातार दूसरे वर्ष सेवा प्रदान करने का नियम नहीं है।

केस-दो

एक आशुलिपिक की भी तैनाती सचल दल में की गई है। जबकि जनशक्ति के अनुसार सचल दल कार्यालय में आशुलिपिक की तैनाती नहीं की जानी है।

स्टाफ एसोसिएशन ने की शिकायत

उत्तर प्रदेश वाणिज्यकर मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन इलाहाबाद के शाखा अध्यक्ष समेत यूनियन के पदाधिकारियों ने इसके विरोध में एडिश्नल कमिश्नर (प्रशासन) लखनऊ, वाणिज्यकर मुख्यालय से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक इसकी शिकायत की है। मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचने के बाद एडिशनल कमिश्नर (प्रशासन) ने इलाहाबाद जोन के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 केपी सिंह से इस मामले की आख्या मांगी है। इस संबंध में एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 का कहना है कि राजकीय कार्यहित में इलाहाबाद जोन में तैनात दोनों कर्मचारियों की तैनाती की गई है।

सवालों के घेरे में

दोनों कर्मचारी जून माह से ही सचल दल में तैनाती को लेकर जी-तोड़ मेहनत में जुट गए थे लेकिन इनकी तैनाती नहीं हो रही थी। प्रभारी एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 ने मना कर दिया था। केपी सिंह जब इलाहाबाद जोन के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 बने तो उसके बाद इन दोनों कर्मचारियों ने प्रयास तेज कर दिए। 30 अगस्त को आखिरकार इन्हें सफलता मिल गई। अब सवाल यह उठ रहा है कि किन नियमों के अनुसार पहले इन कर्मचारियों को तैनाती नहीं दी जा रही थी। अब क्यों कर दी गई।


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