सरकार के फैसले का विरोध, जारी रहेगा आंदोलन
जासं, इलाहाबाद : सरकार और आंगनबाड़ी संगठनों में बुधवार को हुए समझौते से इलाहाबाद की कार्यकर्ता इत्तेफ
जासं, इलाहाबाद : सरकार और आंगनबाड़ी संगठनों में बुधवार को हुए समझौते से इलाहाबाद की कार्यकर्ता इत्तेफाक नहीं रखतीं। वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगी। उनका कहना है कि सरकार ने आठ सौ रुपये बढ़ाए हैं जो ऊंट के मुंह में जीरा के सामान है। जब तक उनकी दोनों मांगें नहीं मानी जातीं आंदोलन जारी रहेगा।
राज्य कर्मचारी का दर्जा देने व न्यूनतम वेतनमान 18 हजार किए जाने की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आंदोलन कई दिनों से चल रहा है। इसके चलते जनपद के हजारों आंगनबाड़ी केंद्र बंद चल रहे हैं। कार्यकर्ताओं का आंदोलन कलेक्ट्रेट, कमिश्नरी और विकास भवन के साथ ही सपा नेताओं की चौखट पर भी चल रहा है। हर जगह उनको आश्वासन दिया जा रहा है, पर बात अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। इसको देखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को लखनऊ में प्रदर्शन किया। इसमें बड़ी संख्या में इलाहाबाद से भी कार्यकर्ता शामिल हुई थीं। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया गया जिसमें कई कार्यकर्ता घायल भी हुई। बुधवार को कार्यकर्ता इलाहाबाद लौट आई। इस बीच खबर आई कि सरकार और आंगनबाड़ी संगठनों में समझौता हो गया। सरकार ने कार्यकर्ता का 800 रुपये और सहायिकाओं का 400 रुपये मानदेय बढ़ा दिया है। इस फैसले का इलाहाबाद की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है। मंडल अध्यक्ष संतोष मिश्रा ने कहाकि सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ साजिश की है। हम किसी प्रकार से नहीं झुकेंगे। जब तक दोनों मांगें मानी नहीं जाएंगी, आंदोलन चलता रहेगा। गुरुवार को सभी कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पर इकट्ठा होंगे और पूर्व की भांति प्रदर्शन किया जाएगा।