आकाश में गरजते विमान लेकर आएंगे जाबांज जवान
जासं, इलाहाबाद : लांस नायक लक्ष्मीकांत त्रिपाठी के पिता व मां को बमरौली एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले व
जासं, इलाहाबाद : लांस नायक लक्ष्मीकांत त्रिपाठी के पिता व मां को बमरौली एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले विमान अब चौंकाने लगे हैं। नात-रिश्तेदारों के दिलासा देने पर वह अपना कलेजा मजबूत तो कर लेते हैं, लेकिन जब ये विमान गरजते हुए उनके घर के नजदीक से निकलते हैं तो उन पर इनकी टकटकी लग जाती है, इस आस के साथ कि इन्हीं विमानों से लौटकर आएगा उनका जाबांज लाडला। विमानों को ओझल होने तक निगाहें उनका पीछा करती हैं। लापता बेटे से मिलने की इनकी बेकरारी और तड़प बढ़ चुकी है। वह कैसे मिलेगा, कौन मिलाएगा? वह यही पूछ रहे हैं आने वालों से। एयरपोर्ट बमरौली के कमांडेंट के राजेंद्रन मिलने आए तो पिता के सब्र का बांध टूट गया। वह फफक कर रो पड़े। कमांडेंट ने दिलासा दी कि लक्ष्मीकांत की खोजबीन की जा रही है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय पूरी ताकत से जुटा हुआ है। उन्होंने आशा जताई है कि रविवार तक रक्षा मंत्रालय लापता विमान को जरूर खोज निकालेगा। उनकी इन बातों ने लांस नायक के परिजनों में उम्मीद तो जगाई है मगर इंतजार का एक-एक पल सदियों सा भारी पड़ रहा है।
मां-बाप के साथ लांस नायक का छोटे भाई की हालत बदहवासों सरीखी है। वह आने-जाने वालों को पथराई नजरों से निहारता रहता है। कुछ पूछने पर उसकी आंखें छलक उठती हैं। भाई की गुमशुदगी का पता चलने पर बहन वंदना आनन-फानन में भागते हुए मायके पहुंची। बेटी को देखकर मां खुद को रोक नहीं सकी और उसे सीने से लगाकर रो पड़ी। मां-बेटी के इस विलाप ने पड़ोसियों को भी गमगीन कर दिया। लक्ष्मीकांत के गुम होने से पूरा मोहल्ला सहमा हुआ है। पड़ोसी दुख की इस घड़ी में धैर्य बंधाने के लिए जवान के घर के बाहर जुटे हैं।
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बुधवार शाम आखिरी बार हुई थी बातचीत
लांस नायक लक्ष्मीकांत त्रिपाठी 19 जुलाई को पोर्टब्लेयर एयरपोर्ट जाने के लिए घर से निकले। वह शिवगंगा एक्सप्रेस से चेन्नई पहुंचे। बुधवार की शाम तक उनकी पिता नरेंद्र त्रिपाठी से बातचीत हुई। बुधवार शाम आखिरी बार बातचीत होने के नरेंद्र संतुष्ट थे कि अब उनका बेटा पोर्टब्लेयर पहुंच जाएगा, लेकिन बेटे का फोन आने के बाद पहले उसके गायब होने की खबर मिली।
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बास्केट बाल खेलते समय हुए चोटिल
लक्ष्मीकांत त्रिपाठी खेल के शौकीन है। आठ जुलाई को वह बास्केट बाल खेलते समय चोटिल हुए थे। वह अपना इलाज मिलिट्री अस्पताल में करवा रहे थे। 16 जुलाई को उन्होंने आखिरी बार डॉक्टर को दिखाया तो उन्हें बताया गया कि उनके पैर की चोट ठीक हो चुकी है। इसके बाद वह दोबारा नौकरी ज्वाइन करने के लिए जा रहे थे।
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खेत में थे पिता तभी मिली सूचना
लक्ष्मीकांत के पिता किसान हैं। शुक्रवार को सुबह अपने गांव शुक्लन का पुरवा (नवाबगंज) में धान की रोपाई कराने गए थे। दोपहर करीब दो बजे वह खेत में ही थे, तभी पोर्ट ब्लेयर के एयरफोर्स अधिकारियों ने सूचना दी थी कि विमान लापता हो गया है। इसके बाद वह बदहवास हालत में घर पहुंचे और अपने बड़े भाई गजेंद्र त्रिपाठी, वीरेंद्र त्रिपाठी और छोटे भाई देवेंद्र त्रिपाठी को सूचना दी। किसी तरह उनको राजरूपपुर लाया गया। परिवार के सभी सदस्य मौजूदा समय उनके साथ हैं।
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प्रशासनिक अफसर बनने का है ख्वाब
लांस नायक लक्ष्मीकांत त्रिपाठी का सपना था कि वह एयरफोर्स में अपनी सेवाएं दें। वर्ष 2011 में उनका यह सपना भी पूरा हुआ। उनके साथी मानते थे कि वह प्रशासनिक अफसर बनने की क्षमता रखते हैं। यही कारण है कि नौकरी मिलने के बाद वह शादी करने से कतराते रहे और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे रहे। इसी साल उन्होंने एसएससी की परीक्षा दी थी। वह परीक्षा पास कर चुके हैं, सितंबर में उनका इंटरव्यू होना है।