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नेताओं-अफसरों की चौखट पर नर्सो की दस्तक

जासं, इलाहाबाद : एसआरएन अस्पताल की संविदा नर्सो ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। शनिवार को नर्सो ने ने

By Edited By: Published: Sun, 24 Jul 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jul 2016 01:00 AM (IST)
नेताओं-अफसरों की चौखट पर नर्सो की दस्तक

जासं, इलाहाबाद : एसआरएन अस्पताल की संविदा नर्सो ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। शनिवार को नर्सो ने नेताओं और अफसरों से मिलकर ज्ञापन सौंपा और न्याय दिलाने की मांग की। प्रिंसिपल ऑफिस पर धरने पर बैठी नर्सो ने रविवार से ट्रामा सेंटर के बाहर धरने पर बैठने की चेतावनी दी है।

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एसआरएन अस्पताल में पिछले साल फरवरी में 83 नर्सो की भर्ती की गई थी। नर्सो की भर्ती सैनिक कल्याण निगम द्वारा की गई थी। नर्सो की यह नियुक्ति एक वर्ष के लिए की गई थी। शासन ने अब नर्सो की भर्ती के लिए नई संस्था उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम को यह जिम्मेदारी दे दी है। नई संस्था दोबारा नर्सो की भर्ती करने जा रही है। यानी एक साल से काम कर रहीं नर्सो को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर ली गई है। इस बात की नोटिस भी उनको थमा दी गई है। नर्सो ने इसको लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। शुक्रवार को नर्सो ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह का घेराव किया था। शनिवार से नर्सो का आंदोलन तेज कर दिया गया। सुबह दस बजे नर्से जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंच गई। वहां नारेबाजी की, ज्ञापन सौंपा। इसके बाद सभी नर्से चंद्रशेखर आजाद पार्क पहुंची। वहां परिवार कल्याण एवं राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल, सांसद श्यामाचरण गुप्ता, कमिश्नर राजन शुक्ला को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई। नर्सो का कहना है कि उनको कई माह से वेतन भी नहीं दिया जा रहा। बिना कोई सूचना के उनको कार्य समाप्त होने की नोटिस थमा दी गई। नर्सो की मांग है कि उनका नवीनीकरण किया जाए। चंद्रशेखर आजाद पार्क से नर्से मेडिकल कालेज परिसर स्थित प्राचार्य कार्यालय पहुंची और धरने पर बैठ गई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनके साथ न्याय नहीं हुआ तो उनका आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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अस्पताल में दिखा असर

इलाहाबाद : संविदा नर्सो की हड़ताल को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने अपनी तरफ से तो पूरी तैयारी कर रखी थी, बावजूद इसके मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इमरजेंसी सर्जरी वार्ड सहित कई अन्य वार्डो में मरीजों को समय से इंजेक्शन नहीं लग सके। अस्पताल प्रशासन की माने तो नर्सो की हड़ताल से कोई दिक्कत नहीं हुई। जूनियर डॉक्टरों व फार्मासिस्टों के सहारे मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी गई।


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