सातवें वेतन आयोग की निकाली शवयात्रा, होगी हड़ताल
जासं, इलाहाबाद: केंद्र सरकार के सातवें वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारी नाखुश हैं। उन्होंने इसे बेहद न
जासं, इलाहाबाद: केंद्र सरकार के सातवें वेतन आयोग से केंद्रीय कर्मचारी नाखुश हैं। उन्होंने इसे बेहद निराशाजनक करार दिया है। रेल कर्मचारियों के संगठनों ने तो बाकायदा हड़ताल और आंदोलनों का ऐलान कर दिया है। दूसरे विभागों के कर्मचारी भी आयोग की संस्तुतियों से खासे नाराज हैं और आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
नार्थ सेंट्रल रेलवे इंपलाइज संघ के मंडल मंत्री गोबिंद सिंह ने कहा कि इन सिफारिशों में पुरानी संस्तुति के अलावा कुछ भी नहीं है। इसलिए यह केवल छलावा है। उन्होंने कर्मचारियों से हड़ताल के लिए तैयार रहने को कहा। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन के महासचिव डॉ. राघवैया ने कहा कि सातवां वेतन आयोग बेहद निराशाजनक है। इसलिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 11 जुलाई को सुबह छह बजे से कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे।
नार्दन रेलवे मेन्स यूनियन प्रयाग ने तो बाकायदा सातवें वेतन आयोग की अर्थी निकालकर विरोध जताया। साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की तीखी आलोचना की। कर्मचारियों ने वित्तमंत्री को कर्मचारी विरोधी करार दिया। इस मौके पर शाखा मंत्री एलए जाफरी समेत अनेक कर्मचारी थे। रेल कर्मचारी संगठनों की तर्ज पर अन्य विभागों के कर्मचारी भी आयोग की सिफारिशों से नाराज हैं। केंद्रीय कर्मचारी संघ समन्वय समिति के इलाहाबाद शाखा अध्यक्ष टीपी मिश्र और महासचिव बजरंग बली गिरि ने कहा कि नवंबर में जो संस्तुति हुई थी उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। कर्मचारियों का हित नहीं देखा गया है। इस आयोग की घोषणा केवल कर्मचारियों का ध्यान बांटने के लिए की गई है। इसलिए कर्मचारी 11 जुलाई से पूर्व निर्धारित हड़ताल पर अडिग हैं।
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राज्य कर्मचारी भी खफा, देंगे हड़ताल में साथ
इलाहाबाद : सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट ने जहां केंद्रीय कर्मियों को निराश किया है, वहीं राज्य कर्मचारी भी इससे खासे नाराज हैं। उप्र राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष नरसिंह ने कहा कि न्यूनतम वेतन 26000 रुपये से कम स्वीकार्य नहीं है। इसके विरोध में 11 जुलाई को होने वाली केंद्रीय कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल में राज्य कर्मचारी पूरी तरह साथ हैं। राज्य कर्मचारी भी 11 जुलाई से जोरदार हड़ताल करेंगे। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार कर्मचारी विरोधी है। अटल सरकार ने जहां पेंशन बंद की थी, वहीं मोदी सरकार ने यह निराशाजनक आयोग दिया है। कर्मचारी इसका करारा जवाब देंगे। राज्य कर्मचारी महासंघ इलाहाबाद के अध्यक्ष नागेश्वर गिरि ने निराशा जताते हुए कहा कि जब केंद्रीय कर्मचारियों को कुछ नहीं मिला तो जाहिर है राज्य कर्मचारियों को भी नहीं मिलेगा।