एसआइबी के छापे से व्यापारी नाराज
जासं, इलाहाबाद : वाणिज्य कर आयुक्त बार-बार पंजीकृत व्यापारियों की संख्या बढ़ाने को फरमान जारी करते र
जासं, इलाहाबाद : वाणिज्य कर आयुक्त बार-बार पंजीकृत व्यापारियों की संख्या बढ़ाने को फरमान जारी करते रहते हैं, ताकि व्यापारियों को विभाग की नाहक कार्रवाई न झेलनी पडे़। मगर सच्चाई यह है कि तीन महीने में विभाग के विशेष जांच दल (एसआइबी) ने जितने भी सर्वे किए या छापे मारे हैं। लगभग सभी पंजीकृत व्यापारियों के यहां ही पड़े हैं। विभाग को अपंजीकृत व्यापारी टैक्स चोरी करते दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। इससे पंजीकृत व्यापारियों में आक्रोश है।
एक अप्रैल से लेकर जून माह तक एसआइबी ने लगभग 55 कार्रवाई की। जिसमें लाखों की टैक्स चोरी करने का मामला सामने आया। जिसकी जांच करके आगे की कार्रवाई की जा रही है। मगर एक स्याह पहलु यह है कि यह जितनी भी कार्रवाई हुई है वह सभी पंजीकृत व्यापारियों के यहां ही हुई है। उप्र उद्योग व्यापार कल्याण समिति के संरक्षक संतोष पनामा का कहना है कि विभाग की प्रवर्तन इकाइयां (एसआइबी व सचल दल) जानबूझ कर पंजीकृत व्यापारियों को निशाने पर बनाए हुए हैं। जबकि वाणिज्य कर आयुक्त हमेशा फरमान जारी करते हैं कि टैक्स चोरी को रोकने के लिए अपंजीकृत व्यापारियों के यहां सबसे ज्यादा कार्रवाई होनी चाहिए। मगर यहां इसका उलट हो रहा है। विभाग के इस रवैये से व्यापारियों में आक्रोश है। व्यापारियों का मानना है कि अगर पंजीकृत होने की व्यापारी को सजा मिलेगी तो वह पंजीयन लेने के लिए दूसरों को क्यों प्रेरित करेंगे। व्यापारिक संगठन भी इसको लेकर खफा हैं। कई बार आला अधिकारियों तक शिकायत कर चुके हैं। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 एलआर गुप्ता का कहना है कि एसआइबी पंजीकृत और अंपजीकृत दोनों व्यापारियों के यहां कार्रवाई करती है। यह इत्तेफाक है कि तीन महीने में सबसे ज्यादा पंजीकृत व्यापारियों के यहां कार्रवाई हुई है। जो भी व्यापारी टैक्स चोरी करेगा। उसे कत्तई बख्शा नहीं जाएगा।