आलू को सोरांव में बनेगा उच्च गुणवत्ता केंद्र
जासं, इलाहाबाद : जिले और आसपास के जनपदों के किसानों को आलू के गुणवत्तापूर्ण बीज के लिए पश्चिमी उत्तर
जासं, इलाहाबाद : जिले और आसपास के जनपदों के किसानों को आलू के गुणवत्तापूर्ण बीज के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर टकटकी नहीं लगानी होगी क्योंकि आलू की उम्दा फसल तैयार करने के लिए सोरांव में उच्च गुणवत्ता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फार पोटैटो) की स्थापना होने वाली है। इसके लिए जिला उद्यान विभाग ने ओडिशा के भुवनेश्वर से डीपीआर (डिलेट प्रोजक्ट रिपोर्ट) भी मंगवा लिया है।
40,000 टन बीज की जरूरत
रबी के सीजन में जिले के सोरांव तहसील समेत आसपास के क्षेत्र में लगभग 11500 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की खेती होती है। इसके लिए 40,000 टन बीज की आवश्यकता पड़ती है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फार पोटैटो बनने के बाद यहां से 4,500 क्विंटल बीज का उत्पादन होगा। जिससे इलाहाबाद, प्रतापगढ़, भदोही और कौशाम्बी के कुछ इलाकों को उच्च गुणवत्ता के बीज को दूसरे स्थान के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।
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आठ करोड़ से होगा निर्माण
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फार पोटैटो को बनाने के लिए आठ करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके लिए 50-55 एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। जिला उद्यान अधिकारी उमेश चंद्र उत्तम का कहना है कि भुवनेश्वर से डीपीआर आ गया है। केंद्र के लिए जमीन देखी गई है। केंद्र को बनाने में लगभग एक साल का समय लगेगा। उन्होंने बताया कि केंद्र की स्थापना से जिले के सात से आठ हजार किसानों को उच्च गुणवत्ता का आलू बीज प्राप्त होगा। केंद्र में अनुसंधान के माध्यम से फसल में होने वाली बीमारियों से हानि को भी कम किया जा सकेगा। इससे आलू के उत्पाद में भी वृद्धि होगी।
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नहीं होगी भंडारण की समस्या
गंगापार क्षेत्र में जैसे बडे़ स्तर पर आलू की खेती की जाती है, वैसे ही बड़े स्तर पर यहां आलू के भंडारण की व्यवस्था भी है। जिले में लगभग 48 कोल्ड स्टोरेज हैं। उसमें से 32 केवल सोरांव क्षेत्र में हैं। सोरांव में उच्च गुणवत्ता केंद्र बनने के बाद यहां पर भंडारण की समस्या भी नहीं होगी।
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इनसेट..
जालंधर की तर्ज पर बनेगा
पूरे देश में अभी तक एक मात्र सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फार पोटैटो केंद्र पंजाब के जालंधर में है। वह नीदर लैंड्स की सहायता से तैयार हो रहा है। सोरांव में जो केंद्र बनाया जाएगा। उसमें जालंधर की छाप दिखाई देगी। वैसे उत्तर प्रदेश में कन्नौज में भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फार पोटैटो बनाने की तैयारी चल रही है। वहां पर अभी तक डीपीआर नहीं आया है।
क्या-क्या होगा केंद्र में :
टिशूकल्चर लैब, पालीहाउस, नेट हाउस, कोल्ड स्टोरेज, ड्रिप व स्िप्रकलर सिस्टम आदि होंगे।