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सात मेडिकल स्टोर पर छापा, दवाएं जब्त

जासं, इलाहाबाद : मनमाने दामों पर दवाओं की बिक्री के खिलाफ खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने कार्रव

By Edited By: Published: Wed, 04 May 2016 01:01 AM (IST)Updated: Wed, 04 May 2016 01:01 AM (IST)
सात मेडिकल स्टोर पर छापा, दवाएं जब्त

जासं, इलाहाबाद : मनमाने दामों पर दवाओं की बिक्री के खिलाफ खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने कार्रवाई शुरू कर दी है। एफएसडीए की टीम ने दो दिनों में सात मेडिकल स्टोरों पर छापा मारकर लाखों की दवा कंपनी को वापस करवाई। इसके साथ ही नियमों का पालन न करने पर कई विक्रेताओं को नोटिस दिया।

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भारत सरकार ने तमाम दवाओं का मूल्य निर्धारित कर रखा है। इसके बावजूद दवा निर्माता कंपनियां उन पर अधिक दाम प्रिंट करके बाजार में बेच रही हैं। ऐसे में सहायक आयुक्त ड्रग केजी गुप्ता के निर्देशन में छापामार अभियान सोमवार से शुरू किया गया। ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम ने दो दिन में सात मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। ड्रग आयुक्त ने बताया कि उनकी टीम ने लीडर रोड के साधना केमिस्ट के यहां छापा मारा तो यहां पर 15 हजार की कीमत की चार दवाएं ऐसी मिलीं, जिनके रैपर पर निर्धारित दरों से अधिक दाम प्रिंट था। वहीं साधना मेडिकल स्टोर पर 20 हजार रुपये कीमत की सात दवाओं के रैपर पर अधिक दाम प्रिंट मिला। लीडर रोड के ही जगत मेडिकल स्टोर पर 18 हजार रुपये की चार दवाओं पर अधिक दाम प्रिंट था। मेडिकल स्टोर संचालक दवाओं का रिकार्ड नहीं दिखा सके इसलिए 46 हजार की दवाएं जब्त कर ली गई। विकास मेडिकोज में भी 11 हजार की पांच दवाएं अधिक दाम प्रिंट वाली मिलीं। यहां पर 60 बोतल कोरेक्स सीरप बिना बिल का मिला जिसे जब्त कर लिया गया। इसके बाद टीम लाउदर रोड पहुंची। यहां संजीवनी मेडिकल स्टोर के संचालक रिकार्ड ही नहीं दिखा सके। यह मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के चल रहा था। इसलिए यहां से 46 हजार की दवाएं जब्त कर ली गई और नोटिस जारी किया गया। धनवंतरी मेडिकल स्टोर में पांच दवाएं अधिक दाम प्रिंट वाली मिली। वहीं कई कमियां मिलने पर नोटिस दिया गया। इसके बाद दीप मेडिकल स्टोर में 11 दवाएं अधिक दाम प्रिंट वाली मिली और फार्मासिस्ट भी नहीं था। इसलिए उन्हें नोटिस थमाया गया। सहायक ड्रग आयुक्त ने बताया कि छापामार कार्रवाई के दौरान निर्धारित मूल्य से अधिक प्रिंट वाली जो दवाएं मिली हैं उन्हें कंपनी को वापस कराया गया है। उन दवाओं पर फिर से निर्माता सही दाम प्रिंट करेगा, तभी वह बिकेंगी। उन्होंने बताया कि अधिक दाम प्रिंट करने वाली दवा कंपनियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। छापामार टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर मुकेश जैन, सीमा वर्मा, राहुल कुमार और अजय संतोष शामिल थे।

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निर्धारित है दवाओं का मूल्य

देश भर में लोगों को उचित मूल्य पर दवाएं मिलें इसलिए राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण बनाया गया है। इसके तहत तमाम जरूरी दवाएं एक निश्चित मूल्य से अधिक दाम पर नहीं बेची जा सकती हैं। इन दवाओं की लिस्ट भी एनपीपीए इंडिया की वेबसाइट पर जारी कर दी गई है, लेकिन तमाम दवा कंपनियां मनमानी कर रही हैं।


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