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मीरगंज में छापा, 120 महिलाएं मुक्त

जासं, इलाहाबाद : नगर कोतवाली क्षेत्र के रेड लाइट एरिया कहे जाने वाले मीरगंज में रविवार को पुलिस और प

By Edited By: Published: Mon, 02 May 2016 01:29 AM (IST)Updated: Mon, 02 May 2016 01:29 AM (IST)
मीरगंज में छापा, 120 महिलाएं मुक्त

जासं, इलाहाबाद : नगर कोतवाली क्षेत्र के रेड लाइट एरिया कहे जाने वाले मीरगंज में रविवार को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान 120 महिलाओं को मुक्त कराते हुए कई दलाल व ग्राहकों को गिरफ्तार किया गया। सभी को वेश्यावृत्ति के आरोप में पकड़ा गया है। दोपहर से लेकर देर शाम तक चली कार्रवाई से इलाके में खलबली मची रही। महिलाओं को खुल्दाबाद के नारी संरक्षण गृह में रखा गया है। उनका सोमवार को मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा।

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वाराणसी की स्वयंसेवी संस्था गुड़िया की ओर से प्रशासन को मीरगंज में अवैध रूप से वेश्यावृत्ति की जानकारी दी गई थी। इस पर रविवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर संस्था के पदाधिकारी, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से संयुक्त से रूप से कार्रवाई की गई। दोपहर करीब एक बजे मीरगंज इलाके में भारी पुलिस बल पहुंचते ही अफरातफरी मच गई। कई मकानों में ताला लगाकर कुछ लोग भाग निकले तो कई को दबोच लिया गया। करीब छह घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान 120 महिलाओं, 20 बच्चों को मुक्त कराया गया। इसमें पांच महिलाएं वेश्यालय की संचालिका बताई जा रही हैं। वेश्यावृत्ति की आरोपित कई लड़कियों के नाबालिग होने की बात भी कही जा रही है, जो बंगाल, राजस्थान आदि राज्यों की हैं। पुलिस ने मकानों में महिलाओं के साथ मौजूद 10 दलाल और ग्राहकों को गिरफ्तार किया है। एसपी सिटी राजेश यादव ने बताया कि एसडीएम के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है। पकड़ी गई युवतियों को जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देशन में खुल्दाबाद स्थित नारी संरक्षण गृह में रखा गया है। गिरफ्तार युवकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

17 मकानों में कार्रवाई, कई सीज : मीरगंज में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने ताबड़तोड़ चिह्नित 17 मकानों में छापेमारी की। पूरी तरह से खाली हुए कई मकानों को सीज कर दिया गया। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि सीज किए मकान का ताला तोड़ने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

तीन टीमें और जिले भर की फोर्स : पहली बार व्यापक पैमाने पर हुई कार्रवाई के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की तीन टीमें बनाई गई थी। इनमें 14 कार्डन टीम, 10 निगोशिएशन टीम और 17 रेड टीम थी। कार्रवाई के दौरान तीन एडिशनल एसपी, छह सीओ, 31 थानेदार, 65 महिला उपनिरीक्षक, 150 महिला कांस्टेबल, 300 सिपाही, क्राइम ब्रांच के साथ ही एडीएम सिटी, एसडीएम समेत पूरे जिले की फोर्स मौजूद रही। अधिकांश पुलिस कर्मियों के मोबाइल भी बंद करा दिए गए थे।

20 गाड़ियों का था इंतजाम : मीरगंज से महिलाओं को नारी संरक्षण गृह ले जाने के लिए पुलिस की ओर से करीब 20 गाड़ियों का इंतजाम भी किया गया था। महिलाओं को गलियों से निकालने के बाद उन्हें वाहनों में बैठाकर खुल्दाबाद भेजा जा रहा था। यह सिलसिला दोपहर करीब तीन बजे शुरू हुआ और छह बजे के बाद तक चलता रहा। इस कार्रवाई से चौक में कई तरह की चर्चा होती रही।

पुलिस के साथ दुकानदारों की कमाई घटी : मीरगंज में हुई कार्रवाई से जहां कोतवाली पुलिस की कमाई कम हो जाएगी, वहीं आसपास के ऐसे दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ेगा, जिनकी चाय, नाश्ता और पान गुटखा की दुकान थी। हालांकि आभूषण कारोबारियों को जरूर राहत मिलेगी। दबी जुबान से कई पुलिस कर्मी भी यह कहते रहे कि कोतवाली पुलिस एक्जाई कम हो जाएगी।

कई संगठन करते रहे संघर्ष : मीरगंज में कथित वेश्यावृत्ति को हटाने की मांग को लेकर कई स्वयंसेवी संगठन संघर्ष कर रहे हैं। इसमें जनहित संघर्ष समिति के प्रमिल केसरवानी, राजेश गुप्ता बाबा समाज सेवी संस्था के सतीश केसरवानी समेत कई संगठन शमिल हैं। इस मामले को लेकर अधिवक्ता सुनील चौधरी ने हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी है।


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